अंबाला : 40 दिनों में होगा नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव

अंबाला : 40 दिनों में होगा नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव
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सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने आगमी 10 दिसंबर 2022 तक दोनों पदों हेतु चुनाव करवाने की अंडरटेकिंग हाईकोर्ट के समक्ष दी है। इसी वजह से मामले की सुनवाई 15 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई है।

हरिभूमि न्यूज. अंबाला

अगल 40 दिनों तक नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हो जाएगा। इन दोनों पदों के चुनाव में हो रही अत्यधिक विलंब के विरूद्ध स्थानीय नगर निगम के वार्ड नंबर 1 से हजपा (वी) से निर्वाचित सदस्य जसबीर सिंह एवं अन्य द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।

सोमवार को जस्टिस ऋतु बाहरी और जस्टिस निधि गुप्ता की खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने आगमी 10 दिसंबर 2022 तक दोनों पदों हेतु चुनाव करवाने की अंडरटेकिंग हाईकोर्ट के समक्ष दी है। इसी वजह से मामले की सुनवाई 15 दिसंबर तक स्थिगत कर दी गई है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि अंबाला नगर निगम के 20 वार्डों में दो वर्ष पूर्व यानि दिसंबर 2020 में आम चुनाव करवाए गए थे। यहां अभी तक सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का निर्वाचन नहीं हो पाया है। 22 महीने का समय बीते जाने के बावजूद अभी तक राज्य सरकार की ओर यहां दोनों पदों के लिए चुनाव नहीं करवाया गया। नियमानुसार यह चुनाव 2 मार्च 2021 तक हो जाना चाहिए था। हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 में उपरोक्त दोनों पदों का चुनाव करवाने हेतु समय सीमा का प्रावधान नहीं है।

केवल हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमावली, 1994 में इस बार उल्लेख किया गया है। हेमंत ने बताया कि उपरोक्त नियमावली, 1994 के मौजूदा नियम संख्या 71(2) में यह स्पष्ट उल्लेख है कि नगर निगम के आम चुनावों के बाद निर्वाचित नगर निगम मेयर/सदस्यों के नाम नोटिफाई होने के 60 दिनों के भीतर नगर निगम कमिश्नर द्वारा 48 घंटे के नोटिस पर सदन की बैठक बुलाई जाएगी जिसके एजेंडा में सीनियर डिप्टी मेयर और डप्टिी मेयर का निवार्चन करवाना होता है। न तो नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर पार्थ गुप्ता, न ही जून, 2021 से फरवरी, 2002 तक तक तैनात कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा और फिर फरवरी, 2022 से अगस्त, 2022 तक कमिश्नर पद पर रहे वीरेंद्र लाठर द्वारा उक्त दोनों पदों का चुनाव करवाया गया।

अंबाला नगर निगम के सदन में हरियाणा जनचेतना पार्टी के पास मेयर शक्ति रानी शर्मा के साथ कुल 9 सदस्य हैं। इसमें कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर हजपा में शामिल होने वाले राजेश मेहता भी शामिल हैं। जबकि भाजपा के पास सात सदस्य हैं। सदन में कांग्रेस व एचडीएफ के भी दो- दो सदस्य हैं। हालांकि एचडीएफ के आप पार्टी में मर्ज होने के बाद उसका असितत्व ही खत्म हो गया है। ऐसे में अब दोनों सदस्य आजाद हैं। मौजूदा स्थिति में दोनों आजाद सदस्य भाजपा के पाले में दिख रहे हैं। जिससे भाजपा के सदस्यों की संख्या सदन में फिलहाल दस नजर आ रही है। जीत के लिए दोनों ही पार्टियों को कांग्रेस के बचे दोनों सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। ऐसे में अब सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के लिए मुकाबला कड़ा होता नजर आ रहा है। तोड़फोड़ की वजह से क्रॉस वोटिंग से भी इंकार नहीं किया जा सकता। मतलब दोनों पदों के लिए साम-दाम-दंड-भेद का खेल होने की पूरी संभावना है। दोनों पदों के चुनाव में मेयर की एक ही वोट होगी अर्थात दो उम्मीदवारों के वोट बराबर होने की स्थिति में मेयर दूसरी वोट जिसे कास्टिंग (निर्णायक) वोट कहते है वह नहीं डाल सकेंगी। सदन में मनोनीत तीन सदस्यों को चुनाव में वोट देने का अधिकार नहीं है। हालांकि कानूनन मनोनीत सदस्यों के लिए चुनाव लड़ने पर कोई कानूनी अवरोध नहीं है । इस स्थिति मनोनीत सदस्य संदीप सचदेवा, सुरेश सहोता और पूजा चौधरी भी सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर का चुनाव लड़ सकते हैं अगर पार्टी चाहेगी।

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