अब हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में बिजली के उपकरण सौर ऊर्जा से संचालित होंगे

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Haryana Agricultural University) हिसार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एक नई पहल करने जा रहा है। इसके तहत अब जल्द ही विश्वविद्यालय में बिजली के उपकरण (Electric Appliances) सौर ऊर्जा से संचालित होंगे।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार व सुखबीर एग्रो एनर्जी लिमिटिड (भारत सौर ऊर्जा निगम से अधिकृत) तथा हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी(हरेडा) के बीच एक बिजली खरीद करार (पावर पर्चेज एग्रीमेंट)हुआ है। इसके तहत विश्वविद्यालय में एक मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा। संयंत्र लगाने का सारा खर्च कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा। इससे विश्वविद्यालय को सालाना करीब 65 लाख रूपये से अधिक की बचत होगी और विश्वविद्यालय को करीब 3 रुपये 33 पैसे के हिसाब से बिजली मिलेगी। सोलर ऊर्जा संयंत्र लगने के बाद विश्वविद्यालय सालाना 13 लाख 70 हजार यूनिट बिजली उत्पन्न करेगा।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम कदम
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने बताया कि सौर ऊर्जा संयंत्र लगने के बाद यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम कदम है। इसे विश्वविद्यालय के सभी भवनों की छत्तों पर लगाया जाएगा और इसके बाद विश्वविद्यालय को प्रति यूनिट बिजली की दर भी कम हो जाएगी, क्योंकि अभी तक दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम से प्रति यूनिट बिजली का खर्च करीब 6 रूपये 40 पैसे के हिसाब से हो रहा है। बिजली खरीद करार (पावर पर्चेज एग्रीमेंट) के साइन करते समय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह की उपस्थिति में विश्वविद्यालय की ओर से संपदा अधिकारी एवं मुख्य अभियंता भूपेंद्र सिंह, उप-मण्डल अधिकारी सोमवीर गहलावत और सुखबीर एग्रो एनर्जी लिमिटिड की ओर से मुख्य कार्यकारी अधिकारी खालिद नदीम, उप-प्रबंधक अनिल यादव शामिल थे।
इस तरह का यह सौर ऊर्जा संयंत्र प्रदेश का पहला संयंत्र होगा
विश्वविद्यालय के संपदा अधिकारी एवं मुख्य अभियंता भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सरकारी भवनों पर लगाया जाने वाला इस तरह का यह सौर ऊर्जा संयंत्र प्रदेश का पहला संयंत्र होगा, क्योंकि इस संयंत्र से उत्पन्न बिजली का रेट प्रति यूनिट करीब 3 रूपये 33 पैसे के हिसाब से पड़ेगा जबकि इससे पहले जहां भी सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगे हैं उनका बिजली का रेट प्रति यूनिट महंगा है। उन्होंने बताया कि इन संयंत्रों की देखरेख का जिम्मा कंपनी का होगा और अगले 25 वर्षों तक कंपनी ही इन सौर ऊर्जा संयंत्रों को चलाएगी व उनकी देखभाल करेगी। इसके बाद 25 वर्ष की समयावधि पूरी होने पर यह सौर ऊर्जा संयंत्र विश्वविद्यालय की संपत्ति हो जाएगा
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