30 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया, कुंडली मारकर बैठे कई सरकारी विभाग 'डिफाल्टर'

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी
बिलों के भुगतान को लेकर जहां आम उपभोक्ताओं पर बिजली निगम का डंडा तुरंत चल जाता है, वहीं लंबे समय तक करोड़ों रुपये का बिजली भुगतान नहीं करने वाले सरकारी विभागों के खिलाफ कार्रवाई से पहले निगम को कई बार सोचना पड़ता है। इस समय चार विभाग ऐसे हैं, जिन पर निगम के बिजली बिलों की करीब 30 करोड़ रुपए की राशि बकाया है। इस राशि को वसूलना निगम के लिए ढेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
बिजली बिलों की राशि वसूलने में सबसे बड़ा पेंच नगर परिषद के मामले में फंसता है। जब भी बिजली निगम के अधिकारी नप अधिकारियों पर बिजली बिल के भुगतान का दबाव बनाते हैं, नप अधिकारी बदले में उनसे प्रॉपर्टी टैक्स याद दिला देते हैं। निगम और नप में बिजली बिलों के भुगतान को लेकर आपस में ठनी रहती है। जब निगम की ओर से नप के बिजली कनेक्शन काटने शुरू किए जाते हैं, तो इससे शहर के आम लोगों को ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्ट्रीट लाइटों के कनेक्शन काटने की सूरत में शहर अंधेरे में डूब जाता है। ऐसा पहले भी हो चुका है, जब बिलों को भुगतान नहीं करने की स्थिति में नप के कनेक्शन काटे गए थे। इस समय नगर परिषद के 5.83 करोड़ रुपए के बिल बकाया हैं। निगम की ओर से नोटिस दिए जाने के बावजूद इन बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। बार-बार रिमाइंडर का भी नप अधिकारियों की सेहत पर कोई असर नहीं हुआ है। इन अधिकारियों की नींद उस समय टूटती है, जब निगम की ओर से कनेक्शन काटने शुरू कर दिए जाते हैं।
दूसरे विभागों का भी यही हाल
निगम के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर निगम के बिजली बिलों की 13.63 करोड़ रुपए की राशि बकाया है। विभाग को कई बार रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में अगर निगम विभाग के बिजली कनेक्शन काटना शुरू कर देता है, तो इससे विभाग की पेयजल आपूर्ति से लेकर पानी निकासी तक की व्यवस्था ठप हो जाएगी। इसके बावजूद विभाग बकाया राशि का भुगतान करने में लगातार देरी कर रहा है।
सिंचाई और पंचायत विभाग भी डिफाल्टर
सिंचाई विभाग की ओर निगम का 5.83 करोड़ रुपए का बकाया चल रहा है। बिल नहीं भरने पर निगम विभाग के कनेक्शन काटने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में सिंचाई विभाग के लिए व्यवस्था संभाल पाना मुश्किल हो सकता है। पंचायत विभाग से लेकर दूसरे सरकारी विभागों पर भी निगम की भरी-भरकम राशि बकाया है। पैसे का हेरफेर ही होता है। एक विभाग से पैसा दूसरे विभाग के पास जाता है, लेकिन इसमें होने वाली देरी निगम का बकाया बढ़ाने का काम करती है। कनेक्शन काटने का खामियाजा उन आम लोगों को भुगतना पड़ता है, जो इन विभागों को विभिन्न मदों के पैसों का भुगतान समय पर करते हैं।
नोटिस भेजे जा रहे
सरकारी विभागों को बिल के भुगतान करवाने के लिए बिजली बिल के साथ नोटिस भेजे जा रहे हैं। विभागों को बिजली बिल के लिए पैसा जरूर मिलता है, लेकिन वह समय पर जमा नहीं कराते, जिससेे इतना बड़ा बकाया खड़ा हो जाता है। - एमएल रोहिल्ला, एसई, डीएचबीवीएन।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS