ग्रामीण क्षेत्रों में अब नए तरीके से बनेगा बिजली बिल, उपभोक्ता के पास मैसेज भी आएगा

ग्रामीण क्षेत्रों में अब नए तरीके से बनेगा बिजली बिल, उपभोक्ता के पास मैसेज भी आएगा
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शहरी क्षेत्र की तर्ज पर अब ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ताओं को स्पॉट बिलिंग की सुविधा शुरू हो चुकी है। बिजली कर्मचारी रीडिंग लेते समय ही बिल की स्लीप निकालकर उपभोक्ता को थमा देगा। इसके साथ ही बिजली बिल अमाउंट का मैसेज भी उपभोक्ता के मोबाइल पर पहुंच जाएगा।

घरौंडा ( करनाल )

शहरी क्षेत्र की तर्ज पर अब ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ताओं को स्पॉट बिलिंग ( bijli bill ) की सुविधा शुरू हो चुकी है। बिजली कर्मचारी रीडिंग लेते समय ही बिल की स्लीप निकालकर उपभोक्ता को थमा देगा। इसके साथ ही बिजली बिल अमाउंट का मैसेज ( message ) भी उपभोक्ता के मोबाइल पर पहुंच जाएगा। बिल अदायगी के लिए उपभोक्ता को एक सप्ताह का समय मिलेगा।

बिजली वितरण निगम की बिल एजेंसी हारटोन कंपनी का टेंडर समाप्त हो चुका है और अब सीएसपीएल के पास टेंडर है। बिलिंग एजेंसी बदलने के बाद ग्रामीण क्षेत्र का डाटा आर.ए.पी.डी.आर.पी. सिस्टम में माइग्रेट कर दिया गया है। जहां हारटोन कंपनी एक बड़े साइज का बिल उपभोक्ता को जारी करती थी, वहीं अब सी.एस.पी.एल कंपनी आर.ए.पी.डी.आर.पी. ( पुनर्गठित त्वरित वद्यिुत विकास और सुधार कार्यक्रम ) सिस्टम के ऑन द स्पॉट बिलिंग का कार्य कर रही है।

जब बिजली कर्मचारी मीटर रीडिंग लेने के लिए जाता है तो उसी समय बिल की स्लीप निकालकर उपभोक्ता को दे देता है। अधिकारियों की माने तो बिलिंग एजेंसी बदलने के बाद ग्रामीण क्षेत्र का डाटा माइग्रेट करने में समय लगा। जिसकी वजह से दो माह तक मैनुअल बिल उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाए। अब डिजिटल तरीके से बिल उपभोक्ताओं तक पहुंचेंगे। स्लीप के साथ ही मैसेज भी मोबाइल पर आएगा।

मैनुअल बिलिंग खर्चीली प्रक्रिया

बिजली वितरण निगम के शहरी एसडीओ राजीव ढिल्लों ने बताया कि मैनुअल बिलिंग ना सिर्फ खर्चीली प्रक्रिया थी, बल्कि समय भी बहुत अधिक लग जाता था। पहले बिजली मीटर की रीडिंग लेने के लिए कर्मचारी जाता था। जिसमें कई दिन का समय लग जाता था उसके बाद वह रीडिंग रिकॉर्ड में दर्ज होती थी और फिर कम्प्यूटर में फीड होती थी। डाटा सबमिट होने के बाद एजेंसी बिल जारी करती थी। बिल जारी होने के बाद एक कर्मचारी उन बिलों को घर-घर जाकर बांटता था। जिसके बाद उपभोक्ता को बिल मिलता और वह बिल भरता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, कर्मचारी जब मीटर रीडिंग लेने के लिए जाएगा, उसी समय बिल निकालकर उपभोक्ता को सौंप देगा।

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