दादी ने पढ़ाई लिए बोला, तो उठाया खौफनाक कदम : चौथी कक्षा के 11 वर्षीय बच्चे ने नाडे का फंदा लगाकर कर ली खुदकुशी

हरिभूमि न्यूज. यमुनानगर
चौथी कक्षा के ग्यारह वर्षीय बच्चे ने अपनी दादी द्वारा पढ़ाई कर ले नहीं तेरे पापा आकर तेरी पिटाई कर देंगे के कहने पर कमरे की दीवार में लगी खूंटी में लोवर के नाडे का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। कायास लगाए जा रहे हैं कि बच्चे ने दादी द्वारा मामूली सी बात कहने की वजह से खुदकुशी की है या फिर इसके पीछे और कोई कारण रहा है। इस बारे में पुलिस मामले में जांच कर रही है। वहीं मानसिक रोग विशेषज्ञ इसे बच्चों मे बढ़ रही मोबाइल देखने की प्रवृति व उनकी हर जरूरत पूरी करने समेत अन्य कारण मान रहे हैं। बहरहाल पुलिस ने मामले में 174 की कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया और मामले में जांच शुरू कर दी।
जानकारी के मुताबिक जगाधरी की अमर विहार कालोनी निवासी बलजीत (11) शहर के सरस्वती स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ता था। उसका पिता ब्रिजेश फैक्टरी में काम करता है। बालक के परिजनों ने बताया कि बलजीत स्कूल में पढ़ने के बाद कॉलोनी में ही एक शिक्षक के यहां ट्यूशन पढ़ने जाता है। उसकी दादी रामकली ने बलजीत को बोल दिया किया कि वह बैठकर पढ़ाई कर ले वरना तेरे पिता आकर तेरी पिटाई कर देंगे। दादी के इतना कहने पर बलजीत कमरे में बैठकर पढ़ने लगा। उसे पढ़ता देख उसकी दादी अपना घर का कामकाज निपटाने लगी। कुछ देर तक तो वह बैठकर पढ़ता रहा। मगर जब कुछ देर के बाद उसकी दादी ने आवाज लगाई तो उसने अपने कमरे में से कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद उसकी दादी ने कमरे का दरवाजा बंद होने पर खिड़की से झांकर देखा तो वह लोहे की खूंटी पर लोअर के नाडे से लगाए गए फंदे पर लटका हुआ देखा। उसने तुरंत शोर मचा दिया। परिजनों ने मौके पर पहुंचकर उसे तुरंत ट्रामा सेंटर ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया।
मामले में की जा रही है जांच
मामले में जांच कर रहे बुड़िया पुलिस चौकी प्रभारी गुरदयाल सिंह ने बताया कि मामले में फिलहाल 174 की कार्रवाई की गई है। शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। मामले में जांच की जा रही है। जांच पूरी होने पर ही बालक ने खुदकुशी किस कारण से की है के बारे में पता चल सकेगा।
बच्चे नहीं कर पा रहे हैं बर्दाश्त
शहर के प्रसिद्ध मनोरोग चिकित्सक डॉ. विक्रम भारती का कहना है कि आजकल लोगों के पास एक या दो बच्चे हैं। जिनकी सभी जरूरतें उनके कहने से पहले पूरी हो रही हैं। उन्हें किसी भी जरूरत के पूरा होने के लिए ना कहना बर्दाश्त नहीं है। इसका कारण है कि बच्चों में मोबाइल की प्रवृत्ति बढ़ना, जरूरतें पूरी होना, फिजिकल खेलकूद नहीं करना, परिजनों का साथ नहीं मिलना और बढ़ाचढ़ाकर ब्रेकिंग न्यूज देखने से उनमें इस प्रकार की प्रवृत्तियां बढ़ रही हैं।
परिजन विवेक से लें काम
मनोरोग चिकित्सक डॉ. विक्रम भारती ने बच्चों के अभिभावकों से बच्चों में बढ़ रही मोबाइल की प्रवृति को कम करने के लिए विवेक से काम लेते हुए उन्हें प्यार से समझाकर इस आदत को कम करना चाहिए। बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए। बच्चों को अपने दोस्तों के साथ बाहर फिजिकल खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए और किसी जरूरत को आंख मूंदकर पूरी ना करके उन्हें विवेक से समझाना चाहिए। ताकि वह समझ जाएं और कोई गलत कदम ना उठा सकें।
यमुनानगर के जगाधरी में ग्यारह वर्षीय बालक द्वारा खुदकुशी करने के मामले में परिजनों से जानकारी लेते हुए पुलिस ।
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