Ellenabad : 17 साल से ऐलनाबाद हलके को सत्ता में नहीं मिली भागीदारी

Ellenabad : 17 साल से ऐलनाबाद हलके को सत्ता में नहीं मिली भागीदारी
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साल 2000 में चौधरी भागीराम इनेलो से विधायक निर्वाचित हुए। 2005 में इनेलो से ही डा. सुशील इंदौरा विधायक चुने गए। 2005 से 2009 तक कांग्रेस की सरकार रही और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे। उसके बाद से ही ऐलनाबाद हलका सत्ता से वंचित रहा है।

साल 1967 से लेकर अब ऐलनाबाद ( Ellenabad ) के 55 वर्ष के सियासी सफर में ऐलनाबाद हलके को 17 साल से सत्ता में भागीदारी नहीं मिली है। 1987 में ऐलनाबाद से विधायक निर्वाचित हुए भागीराम चौधरी देवीलाल की सरकार में राज्यमंत्री बने थे। हालांकि साल 1991 में ऐलनाबाद से कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुने गए मनीराम केहरवाला हरको बैंक के चेयरमैन रहे थे। इसी विधानसभा क्षेत्र से साल 1970 और 2009 में विधायक बनने वाले ओमप्रकाश चौटाला ( Om Parkash Chauatala ) पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री तो बने, लेकिन जब-जब वे ऐलनाबाद से विधायक चुने गए वे विपक्ष में रहे। ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र हरियाणा गठन के बाद से वजूद में है।

1967 पहले चुनाव में कांग्रेस से प्रताप चौटाला ऐलनाबाद से पहले विधायक चुने गए सरकार में उनको प्रतिनिधित्व नहीं मिला था। 1968 में विशाल हरियाणा पाट से लालचंद खोड विधायक चुने गए जबकि 1972 में कांग्रेस से बृजलाल गोदारा विधायक बने। गोदारा जब विधायक बने तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और चौधरी बंसीलाल मुख्यमंत्री थे। इसी प्रकार 1977 और 1982 में भागीराम विधायक बने। 1977 से लेकर 1979 तक चौधरी देवीलाल मुख्यमंत्री रहे जबकि 1979 से 1982 तक भजनलाल मुख्यमंत्री थे और कांग्रेस की सरकार 1987 में पहली बार ऐलनाबाद को सत्ता में सीधी भागीदारी मिली। 1987 में ऐलनाबाद से लोकदल की टिकट पर विधायक चुने गए भागीराम देवीलाल की सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए। उसके बाद अब तक ऐलनाबाद सत्ता में भागीदारी से वंचित है। 1991 में मनीराम केहरवाला कांग्रेस के विधायक चुने गए और वे हरको बैंक के चेयरमैन रहे। 1991 से 1996 तक भजनलाल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। 1996 में समता पार्टी से भागीराम ऐलनाबाद से चौथी बार विधायक चुने गए और उस समय प्रदेश में बंसीलाल की पार्टी हविपा की सरकार थी।

साल 2000 में भागीराम इनेलो से विधायक निर्वाचित हुए। 2005 में इनेलो से डा. सुशील इंदौरा विधायक चुने गए। 2005 से 2009 तक कांग्रेस की सरकार रही और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे। 2009 के सामान्य चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला विधायक बने। उचाना और ऐलनाबाद से विधायक बनने वाले चौटाला ने ऐलनाबाद से त्यागपत्र दे दिया और जनवरी 2010 में अभय चौटाला ( Abhay Chautala ) ऐलनाबाद से विधायक चुने गए। इसी प्रकार 2014 और 2019 में अभय सिंह ही ऐलनाबाद से विधायक बने और इस दौरान भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही।

ओमप्रकाश चौटाला और अभय रहे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष

ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से ओमप्रकाश चौटाला और अभय चौटाला विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। 2009 में ओमप्रकाश चौटाला ऐलनाबाद और उचाना से विधायक बने थे और 2009 के चुनाव में इनेलो को 19 जबकि शिअद को एक सीट पर जीत मिली थी। ऐसे में इनेलो मुख्य विपक्षी पार्टी बनी और ओमप्रकाश चौटाला नेता प्रतिपक्ष रहे। इसी प्रकार साल 2014 के विधानसभा चुनाव में अभय चौटाला ऐलनाबाद से विधायक चुने गए और वे 2014 से लेकर 2019 तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे।

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