नगर परिषद में रिश्वत लेते कर्मचारी रंगे हाथो दबोचा गया

नगर परिषद में रिश्वत लेते कर्मचारी रंगे हाथो दबोचा गया
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शिकायत के आधार पर स्टेट विजीलेंस ब्यूरो के निरीक्षक बलवान सिंह के नेतृत्व में छापामार टीम का गठन किया गया। रिश्वत राशि थमाते ही इशारा मिलने पर स्टेट विजीलेंस ब्यूरो ने सुरेश को काबू कर लिया।

हरिभूमि न्यूज : जींद

स्टेट विजीलेंस ब्यूरो ने प्रोपर्टी आईडी बनाने की एवज में अढ़ाई हजार रुपये रिश्वत लेते नगर परिषद के डीसी रेट पर लगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रंगेहाथो काबू किया है। आरोपित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 7500 रुपये पहले ले चुका था। स्टेट विजीलेंस ब्यूरो ने पकड़े गए चतुर्थ श्रेणी कर्मी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ शुरु कर दी।

आयुष विभाग में कार्यरत क्लर्क विजय नगर निवासी सुनील ने स्टेट विजीलेंस ब्यूरो को दी शिकायत में बताया कि विजय नगर में उसका 138 गज का मकान है। उसने 15 दिसम्बर को प्रोपर्टी आईडी बनाने के लिए नगर परिषद में आवेदन किया था। लम्बा समय बीत जाने के बाद भी उसकी प्रोपर्टी आईडी नहीं बनी। जिस पर प्रोपर्टी टैक्स की सीट पर बैठे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुरेश ने दस हजार रुपये की डिमांड की। 7500 रुपये वह पहले ले चुका है और 2500 रुपये की और डिमांड कर रहा है।

शिकायत के आधार पर स्टेट विजीलेंस ब्यूरो के निरीक्षक बलवान सिंह के नेतृत्व में छापामार टीम का गठन किया गया। जिसमे सब इंस्पेक्टर बलजीत सिंह, अनिल कुमार, एएसआई बलजीत, हवलदार जगबीर को शामिल किया गया। जबकि ड्यूटी मजिस्टेट के तौर पर जुलाना के तहसीलदार राकेश मलिक को नियुक्त किया गया। छापामार टीम ने शिकायतकर्ता सुनील को पांच नोट 500-500 के पाउडर तथा हस्ताक्षर करवाकर सौंप दे दिए। सुनील ने चतुर्थ श्रेणी कर्मी सुरेश से संपर्क साधा तो लघु सचिवालय स्थित नगर परिषद कार्यालय के बाहर बुला लिया। रिश्वत राशि थमाते ही इशारा मिलने पर स्टेट विजीलेंस ब्यूरो ने सुरेश को काबू कर लिया। तलाशी लिए जाने पर उसकी पेंट की जेब से अढ़ाई हजार रुपये की रिश्वत राशि बरामद हो गई। हाथ धुलवाने पर उसका रंग लाल हो गया। स्टेट विजीलेंस ब्यूरो ने सुनील की शिकायत पर सुरेश के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।

क्या कहता है शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता सुनील ने बताया कि वह पिछले डेढ माह से प्रोपर्टी आईडी के लिए लगातार नगर परिषद के चक्कर लगा रहा है। प्रोपर्टी आईडी नहीं बनी तो उसने प्रोपर्टी टैक्स की सीट पर बैठे सुरेश से संपर्क साधा तो उसने दस हजार रुपये की डिमांड की। 7500 रुपये वह पहले सुरेश को दे चुका है। अब अढ़ाई हजार की और डिमांड कर रहा था। जिस पर उसने स्टेट विजीलेंस ब्यूरो को शिकायत दी।

स्टेट विजीलेंस ब्यूरो के निरीक्षक बलवान सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई थी। जिसमे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रोपर्टी आईडी बनाने की एवज में अढ़ाई हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथो काबू कर उसे गिरफ्तार किया है। आरोपित से पूछताछ की जा रही है।

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