Haryana में कर्मचारियों व मजदूरों ने डीसी कार्यलयों का घेराव किया, सरकार काे दी चेतावनी

Haryana में कर्मचारियों व मजदूरों ने डीसी कार्यलयों का घेराव किया, सरकार काे दी चेतावनी
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घेराव से पहले आयोजित सभाओं में पुरानी पेंशन,डीए व बर्खास्त कर्मियों की बहाली की मांग की और जन सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाने,प्री मेच्योर रिटायरमेंट और प्रमोशन व एसीपी में टेस्ट की शर्त लगाने की घोर निन्दा की।

सरकार की कर्मचारी और मजदूर विरोधी नीतियों और कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल 2020 को लागू करने की हठधर्मिता के खिलाफ मंगलवार को कर्मचारियों व मजदूरों ने डीसी कार्यलयों का घेराव किया।कर्मचारियों द्वारा सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा और सीटू के आह्वान पर किए गए घेराव में सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों, नगर निगमों,परिषदों व पालिकाओं के कर्मचारियों के अलावा आशा,आंगनबाड़ी व मिड डे मील वर्करों तथा सीटू से जुड़े बड़ी संख्या में मजदूरों ने हिस्सा लिया।

घेराव से पहले आयोजित सभाओं में पुरानी पेंशन,डीए व बर्खास्त कर्मियों की बहाली की मांग की और जन सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाने,प्री मेच्योर रिटायरमेंट और प्रमोशन व एसीपी में टेस्ट की शर्त लगाने की घोर निन्दा की। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने ऐलान किया है 20 जनवरी को किसानों के आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए सिंघू टीकरी शाहजहांपुर बार्डर व पलवल में प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने बताया कि सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में बर्खास्त पीटीआई को बिना किसी देरी किए एडजस्ट करने,खेल नीति 1993 के ग्रेडेशन सर्टिफिकेट को मान्यता देकर ग्रुप डी के हजारों कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित करने, गुरुग्राम नगर निगम, केडीबी, आईटीआई सहित अन्य विभागों से निकाले गए कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लेने और स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों सहित सभी ठेका कर्मचारियों को पक्का करने के लिए रेगुलराइजेशन पालिसी बनने की मांग की।

संघ प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी और सीटू की राज्य प्रधान सुरेखा व महासचिव जयभगवान ने मंगलवार को आयोजित डीसी कार्यलयों के घेराव की सफलता का दावा किया है। उन्होंने बताया कि घेराव व प्रदर्शनों में किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई और किसानों के तीख विरोध के बावजूद कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए संसद में जबरन पारित किए गए तीन कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल को वापस कराने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन का पुरजोर समर्थन करने का ऐलान किया है।

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