रेलवे पावर हाउस में कार्यरत कंपनी के कर्मचारियों की दुकानदारों को धमकी, बोले- मामला रेलवे का है यहां आए तो...

नारनौल (कनीना)। रेवाड़ी बीकानेर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। इस कार्य के चलते गुढ़ा कैमला रेलवे स्टेशन पर रेलवे की ओर से पावर हाउस का निर्माण करवाया गया है। जिसके चलते यहां पिछले तीन साल से निर्माण कार्य चल रहा था। जिसके लिए यहां पर रेलवे के अधिकारी, रेलवे की ओर से नियुक्त कंपनियां, उनके ठेकेदार लगातार आते जाते रहे। उन्होंने गांव के दुकानदारों से सामान लिया, जिसके बदले कुछ समय उनको पैसा नगद दिया और उसके बाद विश्वास जमाते हुए रेलवे का कार्य बताकर लाखों रुपये का माल उधार में ले लिया। जिसका पैसा आज देंगे कल देंगे करते रहे और जब यह कार्य अंतिम चरण में पहुंचा तो ठेकेदार व कंपनी के कारिंदे एक-एक करके खिसकने लगे। जिन्होंने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया या उन दुकानदारों का फोन उठाना बंद कर दिया, जिन से उन्होंने सामान उधार में लिया था।
जिससे परेशान होकर जब दुकानदार रेलवे पावर हाउस में कार्यरत कंपनी के कर्मचारियों के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि यह रेलवे का क्षेत्र है, यहां पर आओंगे तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया जाएगा। जिससे दुकानदार परेशान है। इस बारे में दुकानदार द्वारकेश, अनिल कुमार, रायसिंह आदि ने बताया कि उन्होंने इस परिसर में मिट्टी के भराव, रोड़ी-बजरी की सप्लाई व किराने की दुकान से खाने-पीने का सामान, बिजली फिटिंग से आदि संबंधित सामान, सेटरिंग यहां पर कार्यरत ठेकेदारों व कर्मचारियों को दिया था, लेकिन अब कंपनी का ठेकेदार यहां पर नहीं है, जिनसे वह सामान के रुपये मांगते है। इस बारे में उन्होंने परेशान होकर गांव के नवनिर्वाचित सरपंच विरेंद्र से गुहार लगाई व पुलिस में भी शिकायत दी। जिस पर पुलिस ने उनको जीआरपी में जाने को कहा। वहीं सरपंच ने जब ठेकेदार से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद कंपनी के कर्मचारी से बात की और ग्रामीणों ने विरोध जताया तो कंपनी कर्मचारी ने ठेकेदार को फोन लगाया मिलाया और कहा कि सात दिन के बाद ठेकेदार यहां आएगा। इससे ज्यादा वह कुछ नहीं जानता है।
क्या कहते है सरपंच
नवनिर्वाचित सरपंच विरेन्द्र ने कहा कि अगर दुकानदारों के रुपये नहीं दिए तो इसके लिखित शिकायत रेलवे अधिकारियों को करेंगे। इसके अलावा यहां पर धरना प्रदर्शन भी करना पड़ा तो वह भी करेंगे। ग्रामीणों ने मांग की है कि रेलवे के अधिकारी मौके का मुआयना करें और उनके इस समस्या का समाधान करें।
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