इनहांसमेंट : लास्ट एंड फाइनल सेटलमेंट स्कीम की समय अवधि 31 मई तक बढ़ी

Haribhoomi News : हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा इनंहासमेंट पर जारी लास्ट एंड फाइनल सेटलमेंट स्कीम की समय अवधि को एक माह बढ़ाकर 31 मई तक करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यालय पंचकूला द्वारा इसके लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं। इससे उन सभी प्लाटधारकों को बड़ी राहत मिली है जो अपडेट में हुई गड़बड़ियों के कारण इस स्कीम के तहत राशि नहीं भर पा रहे थे।
ऑल सेक्टर रेजिडेनटस वेलफेयर एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने बताया कि एचएसवीपी द्वारा जारी लास्ट एंड फाइनल सेटलमेंट स्कीम के तहत जिन 58 सेक्टरों के 15430 प्लाटधारकों की राशि अपडेट हुई है। उनमें पीपीएम साॅफ्टवेयर की गड़बड़ी से हजारों प्लाटधारकों के खातों में लाखों रुपये ज्यादा गलत डिमांड राशि अपडेट हो गयी। इन गड़बड़ियों को ठीक करवाने के लिए प्लाटधारकों ने बड़ी संख्या में एचएसवीपी के जोनल व जिला इस्टेट आफिस कार्यालयों में लिखित आपत्ति दर्ज करवा रखीं हैं। जिस पर एचएसवीपी मुख्यालय द्वारा निर्णय लिया जाना है। लेकिन सेटलमेंट स्कीम की समय अवधि के अन्तिम दिन 30 अप्रैल तक भी इन लिखित आपत्तियों का निपटारा नहीं हो सका, जिसके कारण बड़ी संख्या प्लाटधारक इस स्कीम के तहत राशि जमा नहीं करवा पाये। ओर परेशानी में एचएसवीपी कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर थे।
सेक्टरवासियों को हो रही परेशानियों को देखते हुए इस पूरे मामले को मुख्यमन्त्री के संज्ञान में लाया गया ओर प्रिंसिपल सेक्रेटरी वी.उमाशकर को सेक्टरवासियों को हो रही परेशानियों से अवगत कराया गया। जिसके बाद एचएसवीपी मुख्यालय द्वारा सेटलमेंट स्कीम की समय अवधि को 31 मई तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। वत्स ने बताया कि कोई भी प्लाटधारक इस समय अवधि तक इनहांसमेंट राशि जमा करवा सकता है। इसके बाद किसी अलाॅटी को अलग से कोई समय नहीं दिया जायेगा।
एचएसवीपी की कार्यप्रणाली से सेक्टरवासियों में रोष
प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने बताया कि लास्ट एंड फाइनल सेटलमेंट स्कीम में गड़बड़ियों को ठीक करने को लेकर एचएसवीपी की जो कार्यप्रणाली रही है। उससे सेक्टरवासियों में भारी रोष है। एचएसवीपी द्वारा इस सेटलमेंट स्कीम को 3 मार्च को लांच किया गया। जिसके बाद से राशि अपडेट में हुई गड़बड़ियों को ठीक करवाने के लिए बड़ी संख्या में प्लाटधारको ने लिखित आपत्ति दर्ज करवाना शुरू कर दिया। लेकिन मुख्यालय द्वारा डेढ़ माह तक किसी मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अन्तिम दिनों में आकर इन मामलों की जांच कर फाइनल रिपोर्ट भेजने की पूरी पावर इस्टेट आफिस कार्यालयों को दे दी गयी। जिसके कारण ये पूरी प्रकिया उलझती चली गयी। शिकायतों का निपटारा समय पर नहीं होने से हजारों प्लाटधारकों ने अन्तिम दिनों में दबाव में गलत इनहासमेटं राशि को भर दिया।
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