हर बच्चा यूनिक, प्रतिभा पहचाने शिक्षक व अभिभावक

सिरसा। उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि स्कूल कोई फन या गेम नहीं है, यह कठिन मेहनत का समय होता है और जैसे-जैसे आपबड़ी कक्षाओं में जाते हैं, यह कठिन मेहनत और अधिक बढ़ जाती है। आज के समय बड़े बदलाव का समय है, शायद ही मानव इतिहास में इतने बड़े परिवर्तन का समय रहा होगा। आज समय बहुत तेजी से बदल रहा है, एक सर्वे के अनुसार 2032 तक कार्य संरचना बदल जाएगी कि 30 से 35 प्रतिशत ऐेसे कार्य होंगे जो आज के दिन नहीं हो रहे हैं। वे राजेंद्र पब्लिक स्कूल पंजुआना में आयोजित वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उपायुक्त ने बोर्ड परीक्षा व खेलों में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया। स्कूल प्रशासन द्वारा उपायुक्त को शॉल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
उपायुक्त ने कहा कि हर बच्चा यूनिक होता है और अभिभावक बच्चों की प्रतिभा को पहचाने और उसे उजागर करने में उनका सहयोग करें। यदि बच्चों को माता - पिता का सहयोग मिलता है तो उनके पंखों को उड़ान मिलती है। अभिभावक व शिक्षक भी इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को बचपन याद रहे, क्योंकि बचपन को जीना भी उतना ही जरूरी है, जिनता की भविष्य को उज्ज्वल बनाना।
उन्होंने कहा कि स्कूल हमें बहुत कुछ सिखाता है, यहां केवल परीक्षा पास करने के लिए नहीं आते, यहां ऐसी परिस्थितियों के लिए तैयार किया जाता है। स्कूली शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को भविष्य की अनिश्चित परिस्थितियों के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि बच्चे के जीवन में दो मुख्य तौर पर गुरु होते है, एक शिक्षक और दूसरे अभिभावक। बच्चों अपना सबसे अधिक समय अपने माता-पिता और शिक्षक के साथ बिताता है। बच्चे भी यदि अपने माता-पिता व शिक्षकों की बातों का अनुसरण करें और उनके पदचिन्हों पर चले तो वह एक दिन अवश्य सफल होता है। इस अवसर पर एमडी आकाश चावला, सचिन गोयल, सचिव सुखराज सिंह, प्रिंसिपल पूजा अनेजा, बीओ बलदेव, भाई कन्हैया आश्रम से गुरविंद्र सिंह मौजूद थे।
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