नए वित्त वर्ष से पहले आबकारी एवं कराधान विभाग एडवांस तकनीक से होगा सुसज्जित

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश के आबकारी एवं कराधान विभाग को नए वित्त वर्ष से पहले एडवांस तकनीक से सुसज्जित किया जाएगा ताकि हरियाणा का यह मॉडल देशभर में अव्वल व अनुकरणीय बन सके। इसके अलावा, उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को जिला स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
वे आज पंचकूला के लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह में हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा 'जीएसटी के रजिस्ट्रेशन, रिफंड तथा इन्वेस्टिगेशन' के मुद्दों पर आयोजित सेमीनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने की। सेमीनार में आबकारी एवं कराधान विभाग के आयुक्त शेखर विद्यार्थी, सहायक आयुक्त सिद्घार्थ जैन के अतिरिक्त विभिन्न संयुक्त आयुक्त, जिलों से आए जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्त समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
डिप्टी सीएम, जिनके पास आबकारी एवं कराधान विभाग का प्रभार भी है, ने आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों द्वारा कोविड-19 के दौरान किए गए कार्य की प्रशंसा की और कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद विभाग ने जीएसटी व अन्य मामलों में किए गए संग्रह में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने फील्ड के अधिकारियों द्वारा दिए गए सुझावों व काम में आने वाली बाधाओं को सुनने के बाद कहा कि वर्तमान युग में नित नई तकनीक आ रही हैं जिसके कारण विभाग के कंप्यूटर के हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर समेत अन्य सिस्टम को अपग्रेड करने की आवश्यकता है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कनिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी का आवंटन यथोचित ढंग से करें ताकि कार्य में निपुणता व गुणवत्ता आ सके।
उपमुख्यमंत्री ने आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विषय-विशेषज्ञ व अनुभवी अधिकारियों की एक टीम बनाएं जो उत्पादों के मूल्य की लिस्ट बनाएं ताकि कोई भी उत्पादक अंडर-बिल बनाकर टैक्स की चोरी न कर पाए। उन्होंने फील्ड अधिकारियों से अधिक से अधिक सुझाव देने का आह्वान किया ताकि सिस्टम को पारदर्शी व मजबूत बनाया जा सके, इससे कार्य में तेजी आएगी तथा डिजिटली फ्रॉड को रोका जा सकेगा।
आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस सेमीनार को उपमुख्यमंत्री की सोच का हिस्सा बताते हुए कहा कि वैट के बाद जीएसटी शुरू होने पर पिछले 3-4 वर्षों में टैक्स को एकत्रित करने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, परंतु आज के सेमीनार से विभाग की कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे। उन्होंने बताया कि टैक्स चोरी से संंबंधित एफआईआर, केस की जांच, कंप्यूटर के हार्डवेयर,आईटी व अधिकारियों व कर्मचारियों को टैक्स के रिफंड आदि के प्रशिक्षण के बारे में आए सुझावों पर विभाग द्वारा जल्द कार्रवाई की जाएगी।
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