बजट से उम्मीद : व्यापारियों के लिए पेंशन स्कीम लाए सरकार, जीएसटी घटाए, तभी उद्धार

सत्येंद्र पंडित : जींद
कोरोना के कारण भारी नुकसान झेल रहे प्रदेश के कारोबारियों को केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार व्यापरियों के लिए पेंशन का ऐलान करे व जीएसटी घटाए। तभी व्यापारी वर्ग का उद्धार होगा। कोरोना महामारी के चलते दो साल से व्यापार डगमगाया हुआ है। ऐसे में नए बजट में सरकार को व्यापारी वर्ग के लिए विशेष प्रावधान करने चाहिए। ताकि वे अपने कारोबार को फिर से उठा सकें। वरना यह वर्ग कर्ज के नीचे दब जाएगा।
फर्नीचर पर जीएसटी कम हो : फर्नीचर पर जीएसटी 18 प्रतिशत है, इसे घटा कर पांच प्रतिशत किया जाना चाहिए। उम्मीद है यह मांग बजट में पूरी होगी। -डा. राजकुमार गोयल संरक्षक फर्नीचर एसोसिएशन
इंस्पेक्टरी राज खत्म हो : लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इंस्पेक्टरी राज खत्म हो। एनओसी शब्द को लचीला बनाया जाए। बजट में ऐसा प्रावधान किया जाए। -विरेंद्र ढुल, प्रधान, निर्माता वेलफेयर एसोसिएशन
टैक्स दरों में हो सुधार
वाशिंग पाउडर, डिटरजेंट आवश्यक वस्तु में आते हैं। इस पर जीएसटी घटाकर 10 प्रतिशत किया जाए। अभी 18%बेहद ज्यादा है। -मुकेश सिंगला, सर्फ फैक्टरी मालिक
कपड़े को जीएसटी के दायरे से बाहर करें
आजादी के बाद से कपड़े पर जीएसटी नहीं था। मोदी सरकार ने कपड़े व रेडीमेड को जीएसटी के दायरे में ला दिया। सरकार को चाहिए कि कपड़े, साड़ी व रेडीमेड कपड़ों को जीएसटी के दायरे से बाहर करे। -सावर गर्ग, साड़ी एसोसिएशन के प्रधान
टैक्स कम किया जाए
टैक्स कम किया जाए। 60 साल के बाद व्यापारी को पेंशन दी जानी चाहिए। क्योंकि व्यापारी टैक्स सरकार को देता रहता है। बुजुर्ग होने पर सरकार को भी पेंशन देनी चाहिए। -बबलु गोयल, भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ कार्यकारिणी सदस्य
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