प्रचंड गर्मी : लू से बचने के लिए भरपूर मात्रा में करें पानी का सेवन, झोलाछाप डॉक्टरों से न कराएं उपचार

प्रचंड गर्मी : लू से बचने के लिए भरपूर मात्रा में करें पानी का सेवन,  झोलाछाप डॉक्टरों से न कराएं उपचार
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प्रशासन ने बढ़ते तापमान के मद्देनजर लोगों से सावधानी बरतने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों तक तापमान स्थिर रहने की रिपोर्ट है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा।

Weather : हरियाणा में गर्मी कहर ढाह रही है। शनिवार सुबह से ही प्रचंड गर्मी से लोग परेशान हैं। तीखी धूप के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना दुश्वार होता जा रहा है। मौसम विभाग ने दो दिन तक हीट वेव का अलर्ट जारी किया हुआ है। अगले सप्ताह में मौसम में बदलाव की संभावना जताई जा रही है।

वहीं नूंह के उपायुक्त अजय कुमार ने बढ़ते तापमान के मद्देनजर जिला वासियों से सावधानी बरतने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों तक तापमान स्थिर रहने की रिपोर्ट है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा।

उपायुक्त ने कहा कि अगर आवश्यक न हो तो घर से बाहर न निकले और दोपहर के समय ज्यादा मेहनत के कार्य से बचें। अगर जरूरी कार्य के लिए बाहर जाना पड़े तो सूती व ढीले कपड़ों का प्रयोग करें। सिर को ढक कर रखें। आंखों के लिए सनग्लासेज का प्रयोग करें। शराब, चाय या कॉफी आदि का सेवन ना करें। ऐसे मौसम में सत्तू, दही और छाछ का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। उन्होंने कहा कि अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह पर न जाएं और न ही बाहर से आकर तुरंत ए.सी. अथवा कूलर में बैठे। लू से बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें। बाहर का खाना तथा गर्म व मसालेदार भोजन का सेवन करने से बचें।

उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि धूप से आकर तुरंत हाथ-मुंह न धोयें और न ही पानी पिए, बल्कि इसके लिए थोड़ा सा इंतजार अवश्य करें। साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें और अनावश्यक रूप से रेल, बस व पैदल यात्रा से बचें। खाना बनाने, परोसने व खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं। बाजार में उपलब्ध पेय पदार्थों की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। गंदे-सड़े, गले व कटे फल और खुले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें भोजन व खाद्य सामग्रियों को ढक कर रखें।

उन्होंने कहा कि हाथ-पैरों में जलन, थकान और शरीर का तापमान बढऩा लू के लक्षण है। लू लगने की स्थिति में झोलाछाप डॉक्टरों के उपचार से बचे। अपनी मर्जी से ग्लूकोज बोतल न चढ़वाएं। उन्होंने कहा कि अगर लू लगने के लक्षण नजर आए तो संबंधित व्यक्ति को तुरंत ठंडक में लिटाएं और कपड़े ढीले कर दें। तलवों में लौकी के रस की मालिश करें अथवा बर्फ की पट्टी रखें। शिकंजी, ग्लूकोज का घोल अथवा सरबत पिलाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लू लगने की स्थिति में पेशाब करने में परेशानी महसूस हो तो घरेलू उपचार के बजाय डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें। बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा ना ले।

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