YouTube पर वीडियो देखकर मंगवाया नकली करंसी तैयार करने का सामान, धरे गए दो लोग, यह थी प्लानिंग

हरिभूमि न्यूज : हिसार
सीआईए ने राजगुरु मार्केट से 2 लाख 56 हजार 100 रुपये की नकली करंसी बरामदी के मामले में संलिप्त एक और आरोपित को गिरफ्तार किया है। पानीपत के समालखा निवासी आरोपित अभय उर्फ अभी से पूछताछ जारी है। आरोपित को अदालत पेश कर 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में सामने आया है कि 3 जुलाई को अभय उर्फ अभी और अन्य ने रविकांत को 500-500 रुपये के 210000 रुपये के नकली नोट दे दिए थे और 46100 हजार रुपये के नकली नोट रविकांत समीर से लेकर आया था। उल्लेखनीय है कि सीआईए हिसार ने 4 जुलाई को राजगुरु मार्केट से यूपी के नवाबगंज निवासी रविकांत को 2,56,100 रुपये के नकली करंसी नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
यू-ट्यूब पर देखा फेक करंसी बनाने का वीडियो
मामले के जांचकर्ता एएसआई महावीर सिंह ने बताया कि आरोपित अभय उर्फ अभी समालखा, पानीपत में पीतल की टूटियां बनाने की फैक्टरी में 8000 रुपए प्रतिमाह पर नौकरी करता था। आरोपित ने यू ट्यूब पर फेक करंसी के नाम से एक वीडियो देखी और उसमें नोट बनाने के लिए कच्चा सामान मंगवाने के लिए दिखाए गए मोबाइल नंबर पर आरोपित अभय ने व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क कर नोट छापने का कच्चा माल की आवश्यकता भेज कच्चे माल की फोटो व वीडियो मांगे।
रविकांत लाया था अभय के पास नकली करंसी का सैंपल
आरोपित अभय के पास नवाबगंज निवासी गिरफ्तार आरोपित रविकांत का व्हाट्सएप के माध्यम से फोन आया और रविकांत ने व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर अभय को नकली नोटों की फोटो दिखाई और कहा कि ये रुपये असली जैसे ही है मार्केट में आसानी से चल जाएंगे, आप ले जाओ। रविकांत ने अभय को एक लाख असली नोटों के बदले तीन लाख रुपये के नकली नोट दे देने की बात कही। रविकांत 10000 रुपये के नकली नोटों का सैंपल लेकर समालखा आया और अभय उर्फ अभी को सैंपल दिखाया। अभय ने बताया कि वह नोट देखने में असली नोट दिखाई दे रहे थे।
किराए पर कमरे पर करते थे नकली करंसी तैयार
रविकांत ने अभय उर्फ अभी को ऑफर दिया कि अगर वह उनके साथ मिलकर काम करेगा तो वे समालखा में ही नकली नोट छापने का काम कर सकते हैं। इसके तीन चार महीने बाद रविकांत अपने दोस्त को साथ लेकर समालखा आ गया। अभय उर्फ अभी, रविकांत और एक अन्य में मिलकर कर समालखा बाजार में एक कमरा किराए पर लिया और तीनों ने मिलकर लेपटॉप, कलर इकंजेट प्रिंटर, लेजर प्रिंटर व लॅमिनेटर के साथ नकली नोट छापने का काम शुरू कर दिया। आरोपितों ने अपने एक और चौथे साथी के साथ स्कैनर पर असली नोट को स्कैन करके लेपटॉप में फोटो शॉप के माध्यम से उसकी पीडीएफ तैयार कर ए फोर साइज के चार नोट बना लेजर प्रिंटर के माध्यम से नोट प्रिंट करने लगे। नोट प्रिंट करने के बाद गिरफ्तार आरोपित रविकांत और उसका दोस्त तैयार नोटों की वीडियो और फोटो व्हाट्सएप के माध्यम से दिखा कर ग्राहकों को फंसाते तथा अढाई या तीन लाख के नकली नोटों का सौदा एक लाख असली नोट में करते थे। इसमें से इन चारों का हिस्सा होता था।
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