किसी और की रिपोर्ट में लिखा अपना नाम : ऑफलाइन परीक्षा से बचने के लिए काॅलेज में दे दी कोरोना की फर्जी रिपोर्ट

किसी और की रिपोर्ट में लिखा अपना नाम : ऑफलाइन परीक्षा से बचने के लिए काॅलेज में दे दी कोरोना की फर्जी रिपोर्ट
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लाल पैथ लैब द्वारा कोरोना पॉजिटिव को जारी रिपोर्ट में बदला नाम, ऑफलाइन की बजाए ऑनलाइन परीक्षा चाहता था युवक, अब ऑनलाइन परीक्षा की मांग करने वाले सभी विद्यार्थियों की रिपोर्ट की होगी जांच।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

कोरोना महामारी के बीच स्थिति सामान्य होने पर महाविद्यालयों में शुक्रवार से स्नातक व स्नातकोत्तर के फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू हो गई। वहीं परीक्षाओं के पहले ही दिन शुक्रवार को हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। जहां विद्यार्थी ने ऑफलाइन परीक्षाओं से बचने के लिए कोरोना पॉजिटिव होने की फर्जी रिपोर्ट बनवाकर महाविद्यालय में दी। जांच में रिपोर्ट झूठी पाए जाने पर महाविद्यालय प्राचार्य ने सख्त कदम उठाए हैं।

हिंदू महाविद्यालय में शुक्रवार को स्नातक व स्नातकोत्तर के फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान गन्नौर निवासी स्नातक के एक छात्र ने खुद को कोरोना संक्रमित बताते हुए ऑनलाइन परीक्षा के लिए अनुमति मांगी। विद्यार्थी ने अपनी कोरोना संक्रमित रिपोर्ट भी भेजी। महाविद्यालय प्राचार्य डा. बीके गर्ग ने लाल पैथ लैब से बनवाई गई रिपोर्ट की जांच के लिए लैब में संपर्क किया तो खुलासा हुआ कि यह रिपोर्ट फर्जी है। विद्यार्थी ने किसी कोरोना संक्रमित की रिपोर्ट लेकर उस पर अपना नाम बदलकर महाविद्यालय में दी है। जिसके बाद महाविद्यालय प्रबंधन ने इस मामले में सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। महाविद्यालय प्रबंधन ने विद्यार्थी के भविष्य को देखते हुए उसे अपनी गलती मानने का अवसर दिया है। साथ ही शनिवार से शुरू होने वाली परीक्षाओं को ऑफलाइन माध्यम से देने के निर्देश दिए हैं।

31 ने मांगी थी अनुमति, 25 ने जमा करवाई है रिपोर्ट

हिंदू महाविद्यालय में ऑनलाइन परीक्षा देने के लिए 31 विद्यार्थियों ने प्राचार्य से अनुमति मांगी है। इनमें से 25 विद्यार्थियों ने कोरोना संक्रमित की रिपोर्ट जमा करवाई है, जबकि छह विद्यार्थियों ने अन्य कारणों का हवाला देते हुए ऑनलाइन परीक्षा की अनुमति मांगी है। इस घटना के बाद महाविद्यालय ने निर्णय लिया है कि सभी 25 विद्यार्थियों की कोरोना रिपोर्ट की भी जांच की जाएगी। महाविद्यालय ने झूठी रिपोर्ट देने वाले विद्यार्थियों को सुधरने का मौका देते हुए कहा है कि अगर किसी ने झूठी रिपोर्ट दी है तो वह अपनी गलती मानते हुए ऑफलाइन परीक्षा देने के लिए महाविद्यालय पहुंच जाए, अन्यथा उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

संक्रमण की चपेट में आने वालों को ही दी थी छूट

महाविद्यालयों में शुक्रवार से स्नातक व स्नातकोत्तर के फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू हुई है। ये परीक्षाएं ऑफलाइन माध्यम से ली जा रही हैं। केवल उन्हीं विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा देने की छूट दी गई है, जो कोरोना संक्रमित हैं या फिर फिर परिवार में कोई सदस्य कोरोना संक्रमित है। इसके अलावा कुछ अन्य विशेष परिस्थितियों में भी विद्यार्थी प्राचार्य की अनुमति से ऑनलाइन परीक्षा दे सकता है।

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