जिसे म़ृत मानकर परिजनों ने कर दिया था अंतिम संस्कार, दस दिन बाद मिला जिंदा

जिसे म़ृत मानकर परिजनों ने कर दिया था अंतिम संस्कार, दस दिन बाद मिला जिंदा
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गत 10 सितंबर को कस्बे के बुढ़ाना रोड पर मोठ माइनर में एक साधु का शव मिला था। परिजनों ने उसकी शिनाख्त की तो पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। अब वह जिंदा मिला।

नारनौंद ( हिसार )

एक साधु का दस दिन पहले नहर में शव मिला था। परिजनों ने उसकी शिनाख्त कर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था। लेकिन दस दिन बाद साधु पास ही के गांव में जिंदा मिला तो परिजनों व पुलिस के होश उड़ गए। पुलिस अब उस साधु की जांच करने में जुट गई है जिसका दस दिन पहले संस्कार हो चुका है। गत 10 सितंबर को कस्बे के बुढ़ाना रोड पर मोठ माइनर में एक साधु का शव मिला था। पुलिस ने पहचान के लिए गांव वालों को बुलाया तो साधु की पहचान राजथल निवासी जसवीर उर्फ भूरिया बाबा के रूप में हुई।

उसके परिजनों को भी मौके पर बुलाया और उसकी शिनाख्त करवाई गई परिजनों ने भी उसको जसवीर उर्फ भूरिया बाबा समझ कर उसकी शिनाख्त कर डाली और शव के पोस्टमार्टम के बाद हांसी नगर पालिका में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। दस दिन बाद साधु पास के ही एक गांव में जिंदा देखा गया तो पूरे गांव में चर्चा फैल गई की जसवीर उर्फ भूरिया बाबा जिंदा है। तो परिजन उसके पास पहुंचे और फिर सूचना पुलिस को दी पुलिस ने भी मौके पर पहुंच कर साधु जसवीर भूरिया के बयान दर्ज किए। पुलिस अब माइनर में मिले हुए मृत साधु की पहचान के प्रयास में जुट गई है।

गलतफहमी में हुई शिनाख्त

थाना प्रभारी उमेद सिंह ने बताया कि गलतफहमी में मृतक साधु की शिनाख्त कर दी थी। अब साधु का पता लगाया जाएगा कि वह कौन और कहां का रहने वाला था।

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