करनाल लाठीचार्ज के विरोध में टावर पर चढ़ा किसान 6:30 घंटे बाद उतारा नीचे

करनाल लाठीचार्ज के विरोध में टावर पर चढ़ा किसान 6:30 घंटे बाद उतारा नीचे
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प्रशासन के प्रयासों के बावजूद भी किसान अपनी जिद्द पर अड़ा हुआ था। उसके बाद भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान सोनू मालपुरिया टावर पर उसके पास पहुंचे और उन्होंने उनसे बातचीत की। जिसके बाद वह नीचे उतरने को तैयार हुआ।

समालखा ( पानीपत )

कृषि कानूनों को रद्द किए जाने, बसताड़ा टोल पर किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में पानीपत के गांव वजीरपुर टिटाना निवासी किसान जोगेंद्र, शुक्रवार को समालखा कस्बा की अनाज मंडी में स्थित 40 फुट उंचे टावर पर चढ गया। वहीं जोगेंद्र के टावर पर चढ कर नीचे कूदने की धमकी से प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के हाथपांव फूले रहे। बाद में भाकियू जिलाध्यक्ष सोनू मालपुरिया, किसान नेता अनिल छोक्कर ने जोगेंद्र की भाकियू नेता राकेश टिकैत व गुरनाम सिंह चढूनी से मोबाइल फोन पर बात करवाई। टिकैत व गुरनाम के समझाने पर जोगेंद्र टावर से नीचे उतरने पर राजी हुआ, उसे क्रेन की मदद से टावर से नीचे उतारा गया।

जोगेंद्र करीब 6.20 घंटे टावर चढा रहा। टावर से नीचे उतरने के बाद समालखा पुलिस ने जोगेंद्र को हिरासत में ले लिया है। इधर, 45 वर्षीय किसान जोगेंद्र शुक्त्रवार सुबह 10.30 बजे समालखा मंडी स्थित 40 फुट ऊंचे बिजली टावर पर चढ़ गया था। जोगेंद्र के टावर पर चढने की सूचना पर एसडीएम विजेंद्र हुड्डा, डीएसपी संदीप सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने जोगेंद्र को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना। जोगेंद्र कोई अप्रिय घटना न कर दे यह सोच कर गांव से जोगेंद्र की मां को घटनास्थल पर लाया गया, मां के आग्रह को भी जोगेंद्र ने नहीं माना और टावर पर चढा रहा।

इधर, परिजनों से पता चला कि जोगेंद्र मानसिक रोगी है, इस पर प्रशासन ने क्रेन की मदद से जोगेंद्र को दवाई, पानी व भोजन टावर के उपर ही उपलब्ध करवाया। इधर, टावर से नीचे आने के बाद जोगेंद्र ने कहा कि अगर शहीद भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद उस समय आजादी के लिए लड़ने के स्थान पर संयासी बन जाते तो आज देश आजाद न होता। अपना हक लेने के लिए किसान सड़कों पर है, सरकार को किसानों की सुनवाई करनी चाहिए। इधर, जोगेंद्र स्वयं को कोई नुकसान न पहुंचा दे इसके मद्देनजर एसडीएम हुड्डा ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ एंबुलेंस, दमकल का टेंडर व कर्मचारी और जाल की व्यवस्था की है। टावर पर बिजली की आपूर्ति बंद की गई। वहीं पुलिस की जांच में पता चला कि आंदोलनकारी किसान जोगेंद्र का भाई व बेटी पुलिस में सेवारत है।

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