फसल बर्बाद होने पर किसान ने की आत्महत्या, ठेके पर भूमि लेकर की थी खेती

हरिभूमि न्यूज़.भिवानी
खेतों में जमा पानी और फसलों को लगे बीमारियों के चलते बर्बाद हुई फ़सल एक परिवार पर क़हर टूट कर पड़ी। जिन मासूम बच्चों को अभी तक यह भी नहीं पता था कि पिता का मतलब क्या होता है उन मासूम बच्चों ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। बर्बाद हुई फसल से आहत भानगढ़ निवासी किसान ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस और परिजन मौके पर पहुंचे। पुलिस शव को फंदे से उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल पहुंची।
पुलिस को दिए बयान में गांव भानगढ़ निवासी रेणू ने बताया कि उसका पति 40 वर्षीय परमेंद्र गांव में ही खेतीबाड़ी करता था। उन्होंने गांव के ही जमींदार से 15 से 20 एकड़ भूमि ठेके पर ली हुई थी, जिसमें कपास, ग्वार, बाजरा की फसल बोई हुई थी। बारिश के कारण उनके खेत में जलभराव और फसल में लगे कीटों के कारण उनकी पूरी फसल नष्ट हो गई। इसके कारण परमेंद्र काफी परेशान हो गए थे। मामले की सूचना मिलने पर जूई थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। जूई पुलिस थाना से जांच अधिकारी एचसी रामभजन ने बताया कि मृतक की पत्नी के बयान पर इत्तफाकिया मौत मामले की कार्रवाई की है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
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