किसान ने की थी घटिया बीज की शिकायत, जांच के लिए 200 किलोमीटर दूर बुलाया

हरिभूमि न्यूज. रतिया।
क्षेत्र के गांव हसंगा के एक ग्रामीण किसान द्वारा हरियाणा बीज विकास निगम लिमिटेड द्वारा घटिया बीज दिए जाने की शिकायत सीएम विंडो पर किए जाने के बाद हरियाणा बीज विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने जिले में जांच करने की बजाय गांव के ग्रामीण किसान को जांच करने के लिए हसंगा से 200 किलोमीटर दूर पंचकूला बुलाया है। इस कारण शिकायतकर्ता किसान मुश्किल में फंस गया है और उसने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर रतिया या फतेहाबाद में ही जांच किए जाने की मांग की है।
रतिया उपमंडल के गांव हसंगा के ग्रामीण किसान हरविंदर सिंह ने 23 नवंबर को हरियाणा बीज विकास निगम लिमिटेड के रतिया कार्यालय से अपनी 6 एकड़ भूमि के लिए 5640 रुपए का गेहूं की किस्म 3086 के बीज लिए थे। उसने समय पर बीज की बिजाई भी कर दी थी लेकिन काफी दिन बीत जाने के बाद भी उसके खेत में गेहूं के बीज अंकुरित नहीं हुआ जिसकी शिकायत उसने बीज विकास निगम के रतिया केंद्र पर भी की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने सीएम विंडो में शिकायत देकर हरियाणा बीज विकास निगम लिमिटेड पर घटिया बीज देने का आरोप लगाया था और पूरे मामले की जांच करने की मांग की थी। बाद में शिकायत करने पर हरियाणा बीज विकास निगम के अधिकारियों ने खेत में जाकर मौके की जांच भी की थी। जांच के बाद निगम द्वारा फिर भी हरविंदर सिंह को कोई संतुष्टिजनक जवाब नहीं मिला।
अब उसके पास हरियाणा बीज विकास निगम के पंचकूला उच्चाधिकारियों की तरफ से संदेश आया है कि वह जांच के लिए 2 फरवरी को हरियाणा बीज विकास निगम के पंचकूला स्थित हेड क्वार्टर पर पहुंचे। इससे हरविंदर सिंह को काफी परेशानी हो गई है। हरविंदर सिंह का कहना है कि अगर इस मामले की जांच रतिया होती तो वह जांच के लिए रतिया आ सकता था लेकिन अब 200 किलोमीटर दूर पंचकूला जांच के लिए कैसे जा पाएगा जबकि नियम यह कहता है कि जिस क्षेत्र की शिकायत सीएम विंडो में की गई है, उस क्षेत्र के अधिकारी द्वारा ही पूरे मामले की जांच एमिनेंट पर्सन के मौजूदगी में की जानी चाहिए लेकिन अब बीज विकास निगम के उच्चाधिकारियों ने 200 किलोमीटर दूर पंचकूला जांच के लिए बुलाया है और पंचकूला जाने के लिए ग्रामीण असमर्थ है। शिकायतकर्ता हरविंदर का कहना है कि वह इस मामले में दोबारा मुख्यमंत्री व उच्च अधिकारियों को शिकायत करेगा कि रतिया या फतेहाबाद में ही जांच की जाए।
जब इस बारे में उच्च अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की तो उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया। इस मामले में किसान संघर्ष समिति के कन्वीनर मनदीप सिंह का कहना है कि क्षेत्र के किसान की फसल नष्ट हो गई है उसे निगम द्वारा मुआवजा देने की बजाय जांच के लिए 200 किलोमीटर धक्के खाने के लिए बुलाया जा रहा हैं जो कि किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में रतिया में जांच नहीं की गई तो किसान आगे की रणनीति बनाएंगे।
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