कृ़षि कानून वापस होेने पर इस किसान ने एक साल बाद कटवाए सिर और दाढ़ी के बाल

कृ़षि कानून वापस होेने पर इस किसान ने एक साल बाद कटवाए सिर और दाढ़ी के बाल
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तीनों कृषि कानून के विरोध में जींद के गांव काब्रच्छा के जयबीर जाखड़ ने कानून रद्द नहीं होने और खटकड़ टोल ( Khatkar Toll Plaza ) पर धरना चलने तक सिर और दाढी के बाल नहीं कटवाने का प्रण लिया था।

हरिभूमि न्यूज. उचाना ( जींद )

केंद्र सरकार द्वारा कृ़षि कानून वापस ( Farmers Law law repealed ) लेने पर साल भर से चला किसान आंदोलन ( Farmers Protest ) समाप्त हो चुका है और सभी किसान अपने- अपने घरों को लौट गए हैं। वहीं तीनों कृषि कानून के विरोध में जींद के गांव काब्रच्छा के जयबीर जाखड़ ने कानून रद्द नहीं होने और खटकड़ टोल ( Khatkar Toll Plaza ) पर धरना चलने तक सिर और दाढी के बाल नहीं कटवाने का प्रण लिया था। 11 दिसंबर को तीनों कृषि कानून रद्द होने के बाद दिल्ली से सभी किसान घर लौटे तो 14 दिसंबर को खटकड़ टोल पर एक साल से अधिक समय तक चल रहे धरने के समाप्त होने पर जयबीर जाखड़ ने अपने सिर और दाढी के बाल कटवाए।

जयबीर जाखड़ ने बताया कि 26 नवंबर 2020 को उन्होंने प्रण लिया था कि जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होते और खटकड़ टोल पर किसानों का धरना समाप्त नहीं होगा तब तक वो अपने सिर के बाल और दाढी नहीं कटवाएंगे। शुरूआत में तो परिवार और दोस्तों ने उनके इस प्रण को मजाक माना लेकिन वे प्रण पर डटे रहे। जयबीर ने बताया कि समय बीतता गया तो उनको भी लगने लगा कि केंद्र सरकार किसानों के आगे झुकेगी और कृषि कानून वापस लिए जाएंगे।

जयबीर ने बताया कि उन्हें भी लगने लगा था कि वो अपना प्रण जरूर निभाएंगे। सरकार ने कृषि कानून वापस लिए किसानाें की जीत हुई। खटकड़ टाेल प्लाजा पर 14 दिसंबर को किसानाें ने धरना समाप्त किया तो उनका प्रण पूरा हुआ। जिस पर उन्होंने 15 दिसंबर को सिर और दाढी के बाल कटवाए। खटकड़ टोल पर आयोजित कार्यक्रम में गांव के लोगों आ साधु राम जाखड़ द्वारा राकेश टिकैत की मौजूदगी में जयबीर जाखड़ को मंच पर सम्मानित किया गया।

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