किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी बोले- आन्दोलनकारी 18 को रेल रोकने की करें तैयारी

किसान आंदोलन को धार देने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी दिन-रात एक किए हुए हैं। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जहां किसान बीते दो-अढ़ाई महीने से धरना दे रहे हैं वहां ये दोनों किसान नेता पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को गुरनाम सिंह चढूनी मकड़ौली टोल प्लॉजा पहुंचे। यहां चढूनी का लोगों ने स्वागत किया और आश्वस्त किया कि आंदोलन में अब और तेजी लाई जाएगी।
किसानों को सम्बोधित करते हुए चढूनी ने कहा कि 18 फरवरी को पूरे देश में दोपहर को 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक रेल रोकने का निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा ने किया है। इसलिए रोहतक के किसान इसकी तैयारियां शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि जिले में जितने भी रेलमार्ग हैं उन पर किसान बारह बजे से पहले ही पहुंच जाएं। जैसे ही बारह बजे वैसे ही रेलों की आवाजाही किसानों ने बंद कर देनी है।
शांतिपूर्वक रहे विरोध कार्यक्रम
गुरनाम सिंह चढूनी ने रेल रोको विरोध कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्वक रहना चाहिए। सरकार इस कार्यक्रम में भी साजिश करने की कोई कमी नहीं छोड़ेगी। ऐसे में हर आंदोलनकारी किसान का यह दायित्व बनता है कि कोई भी अप्रिय घटना न होने दे। सरकार को सिर्फ ऐसी ही घटनाओं का इंतजार है। लालकिले की घटना को मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार ने आंदोलन को खत्म करने की योजना बनाई। लेकिन जल्द ही इसमें भी पोल पट्टी उधड़ गई।
28 जनवरी को जैसे ही दिल्ली सरहदों से किसानों का आंदोलन खत्म करने के लिए पहुंची तो पूरे देश के किसानों ने ललकार दी। और कुछ ही घंटों में टिकरी, सिंघु, गाजीपुर समेत दूसरी सरहदों पर किसान पहुंचने शुरू हो गए थे। ऐसे में सरकार आंदोलनकारी किसानों के सामने झुकी और दिल्ली पुलिस की यह हिम्मत नहीं है कि आंदोलन स्थलों को खाली करवा दे।
सुबह ही पहुंचेंगे रेलमार्ग पर
मकड़ौली टोल प्लाजा पर शुरू से ही आंदोलन के अगवा रहे मकड़ौली के किसान राजू ने गुरनाम सिंह चढूनी को अवगत करवाया कि जिले के दोनों टोल प्लाजा पर कार्यक्रम शांतिपूर्वक जारी है। किसान ऐसा ही प्रदर्शन 18 फरवरी के रेल रोको कार्यक्रम भी करेंगे। राजू ने कहा कि जिन गांवों के आसपास से रेलमार्ग गुजरते हैं उस गांव के आंदोलनकारी सुबह ही वहां पहुंच जाएंगे। इसके अलावा आसपास के गांव के लोग भी अपने नजदीकी रेल रूट पर पहुंचकर दोपहर को बारह बजे से लेकर शाम चार बजे तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।
महम के ऐतहासिक चबूतरे पर महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत व हरियाणा सर्वखाप सर्वजातीय युवा पंचायत के संयुक्त बैनर तले सर्वखाप किसान सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें देश व प्रदेश से सैकड़ों खापों की भागीदारी रही। सम्मेलन में किसानों के लिए पद का त्याग करने वालों को सम्मानित करने का कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत के प्रधान तुलसी ग्रेवाल ने की।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से ऐलनाबाद के पूर्व विधायक एंव इनेलो नेता अभय चौटाला को महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत की ओर से प्रधान तुलसी ग्रेवाल ने किसान रत्न की उपाधि देते हुए किसान का हल व सांटा भेंट कर सम्मानित किया। इससे पहले हरियाणा सर्वखाप सर्वजातीय युवा पंचायत के प्रदेशाध्यक्ष सतीश राठी ने पंचायत की ओर से उन्हें पगड़ी पहनाई। स्टेज पर पहुंचते ही अभय चौटाला का उपस्थित जनसमूह ने जोरदार स्वागत किया।
सर्वखाप पंचायत महम चौबीसी के प्रधान तुलसी ग्रेवाल ने 4 प्रस्ताव पारित किए। जिनमें तीन कृषि कानून वापस लिया जाना और एमएसपी का कानून बनाना एवं आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहाई व किसान आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों की मदद के लिए फंड बनाना शामिल हैं। सम्मेलन में पहुंचे हजारों किसानों ने हाथ उठाकर सर्वसम्मति से इन प्रस्तावों का समर्थन किया।
आंदोलनजीवी कहकर मजाक उड़ाया
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने किसानों को ह्यआंदोलनजीवीह्ण कहकर मजाक उड़ाया है और इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने कुछ मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए देश की 80 प्रतिशत आबादी को आंदोलन के लिए मजबूर किया है। चौटाला ने कहा कि किसानों को आंदोलनजीवी कहकर मजाक उड़ाने वालों को सबक सिखाना जरूरी है।
तीन कृषि कानूनों पर आज देश और प्रदेश की भाजपा सरकार मौन धारण किए बैठी है। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों तरफ बैठे हैं। पहले पड़ोसी देशों के बार्डर पर जाते थे। लेकिन आज दिल्ली के बार्डर पर लोग अपनी मांग मनवाने के लिए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा 26 जनवरी के दिन लाखों की संख्या में दिल्ली में ट्रैक्टरों के साथ प्रदर्शन किया लेकिन कोई नुकसान भी नहीं हुआ।
पंचायत में अभय ने त्यागपत्र देकर अपने दादा चौधरी देवीलाल का नाम उंचा किया
कार्यक्रम के अध्यक्ष तुलसी ग्रेवाल ने कहा कि अभय चौटाला देश ऐसे पहले नेता हैं जो सबसे पहले पद से त्याग पत्र देकर किसानों के साथ खड़े मिले हैं। उन्होंने कहा कि इन्होंने किसानों के लिए पद को ठोकर मारकर चौधरी देवीलाल की आत्मा को सच्चे रूप से शांति पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि किसानों के हक में कोई राजनैतिक व्यक्ति चाहे वह किसी भी पार्टी का हो त्याग पत्र देकर आता है तो उसका भी इसी तरह से सम्मान किया जाएगा।
अभय का विकल्प के रूप में देख रहा किसान
कार्यक्रम के कायोजक एवं हरियाणा सर्वखाप सर्वजातीय युवा पंचायत के प्रदेशाध्यक्ष सतीश राठी ने अपने संबोधन में कहा कि तीन कृषि कानून किसान के लिए डेथ वारंट हैं। किसान अभय चौटाला स्को अब विकल्प के रूप में देख रहे हैं।
ये रहे मौजूद
सम्मेलन में मुख्य रूप से ढांडा खाप के प्रधान नरेश ढांडा गतौली, रमेश ढांडा, महेन्द्र सिंह, जसवीर ढांडा, पूर्व चेयरमैन इन्द्र सिंह ढुल, पूर्व विधायक बलवन्त मायना, लोकहित संस्था प्रधान एडवोकेट चंचल नांदल, नफे सिंह राठी, ओम पहलवान, महेन्द्र दलाल, जयकिशन, पुष्पेन्द्र सिंह, राजवीर वाल्मीकि, प्रकाश भारती, रामेश्वर दास, सुमित्रा देवी, सतीश नैन, तेजेन्द्र कौर, सरोज चौधरी, धीरज राणा, इन्द्र सिंह मोर, रणधीर सरोहा, बबली मोर, डॉ. देवेन्द्र बल्हारा, डॉ. अजय बल्हारा, डॉ. राजेश दहिया, मूलचन्द दहिया, महेन्द्र सिंह मोर, डॉ. अम्बेडकर मिशनरी विद्यार्थी एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम डूमोलिया, बलजीत सिंह, राजेश गोदारा, राज सिंह, सतबीर सिवाच, प्रताप मलिक, कलीराम खेदड़, मुकेश लितानी, दयानन्द, सुनील गुलिया, राजेश गिल, राजेन्द्र आर्य, रामफल लाठर, सुनील गुलिया, कुलदीप मलिक, शीलू लोहान, सतबीर सिवाच, प्रताप आदि ने भी अपने विचार रखे।
कृषि कानूनों के विरोध में 18 फरवरी को रेल रोकी जाएंगी। बृहस्पतिवार को भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने महम चौबीसी के ऐतिहास्रिक चबूतरे पर सर्व खाप किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए दी। कृषि कानूनों के विरोध में लगातार आवाज उठा रहे बल्लू प्रधान को सर्व खाप सम्मेलन में पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया। जब तक सरकार इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक आंदोलन को और तेजधार देने काम किया जाएगा।
जिसके लिए 12 फरवरी से हरियाणा की तर्ज पर राजस्थान में भी सभी टोल प्लाजाओं पर वाहन टोल फ्री करवाया जाएगा। इसी कड़ी में आगामी 14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों के बलिदान को याद करते हुए देशभर में कैंडल मार्च व मशाल जुलूस निकाले जाएंगे। 16 फरवरी को किसान मसीहा सर छोटूराम की जयंती के दिन देशभर में किसान एकजुटता दिखाते हुए उनकी जयंती मनाएंगे। इसके बाद भी अगर सरकार नहीं मानती है तो 18 फरवरी को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक देशभर में रेल रोको कार्यक्रम किया जाएगा।
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