कैथल : पिपली रैली को लेकर पुलिस से भिड़े भाकियू नेता और आढ़ती

हरिभूमि न्यूज : कैथल
केंद्र सरकार (Central government) द्वारा हाल ही में किसानों के लिए जारी किए गए 3 नए आध्यादेशों को लेकर सरकार और किसान आमने सामने हो गए है। अध्यादेशों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ने विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर 10 सितंबर को पिपली में राज्य स्तरीय रैली का आह्वान किया था। इस रैली में न केवल किसान बल्कि आढ़ती, मुनीम व युवाओं का भी भारी जोश देखने को मिल रहा था।
पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम कसाना, जिला अध्यक्ष होशियार सिंह गिल, युवा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र मांगों में प्रचार अभियान चलाते हुए सभी आढ़तियों व मुनीमों व युवाओं, किसानों को रैली का न्योता दिया था। किसानों के खिलाफ जारी किए गए अध्यादेश को लेकर सभी एकजुट हो गए। सरकार ने रैली को विफल करने के लिए 9 सितंबर को ही भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेताओं के यहां नोटिस चस्पा कर उन्हें रैली में जाने से रोका था। 9 सितंबर को ही भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने स्पष्ट कह दिया था कि वे मर सकते हैं लेकिन रैली में जाने से नहीं रुकेंगे। इसे लेकर पुलिस प्रशासन 10 सितंबर को सुबह से ही सख्त नजर आया।
पुलिस प्रशासन ने जहां भाकियू नेताओं व आढ़तियों को रोकने के लिए अनाज मंडी के चारों तरफ भारी पुलिस बल तैनात किया था तो वहीं कैथल कुरू क्षेत्र मार्ग पर जगह-जगह बेरीगेट लगाते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कोई भी किसान या अन्य व्यक्ति किसान रैली में शामिल नए हो सके। गुरुवार को जैसे ही अनाज मंडी कैथल से भारी संख्या में आढ़ती और मुनीम व भाकियू नेता व किसान रैली के निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया हालांकि भारतीयों ने काफी समझाया लेकिन ऊपर के आदेशों के अनुसार पुलिस बल उनसे भिड़ गया और भाकियू नेता व आढ़तियों को रैली में जाने से रोका गया। इस बीच काफी धक्का-मुक्की भी हुई लेकिन अभी तक दोनों पक्ष आमने सामने दिखाई दे रहे हैं। जहां पुलिस आढ़तियों को रैली में जाने से रोक रही है तो वहीं भाकियू नेता आढती और मुनीम भी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।
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