अवमानना याचिका दायर करेंगे किसान नेता, जानें क्यों

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
किसान नेताओं को 24 नवंबर को मध्य रात्रि को बिना किसी नोटिस या वारंट के मात्र आशंका के आधार पर गिरफ्तार करने के विरोध में हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक व मुख्य सचिव इत्यादि को स्टेटस रिपोर्ट के साथ कोर्ट ने तलब किया था।
पुलिस द्वारा हाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र के अनुसार पूर्वाग्रह व सतर्कता विभाग की अंदरूनी रिपोर्ट आदि के आधार पर गिरफ्तारियां को वैध ठहराने का प्रयास किया गया। किसानों के अधिवक्ता प्रदीप रापडि़या ने इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले में आवश्यक मानकों को दरकिनार कर अवैध रूप से गिरफ्तार किसान नेताओं को सीधे जेल में भेज दिया गया।
किसान नेता डॉ. शमशेर के अनुसार पुलिस ने झज्जर से किसान नेता प्रदीप धनखड़, मास्टर जयकरण मांडोठी, प्रवीण दलाल आदि को 24 नवंबर को निगरानी हिरासत में दिखाया था। जबकि 3 दिन के बाद भी किसान नेता अवैध रूप से पुलिस हिरासत में हैं। याचिका में प्रत्येक जिले में अवैध रूप से हिरासत में रखे हुए किसानों की रिहाई के लिए वारंट अफसर नियुक्ति की मांग रखी गई है। इस पूरे प्रकरण में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध किसान अवमानना की याचिका दायर करेंगे।
वहीं तीन नए कृषि कानूनों के विरुद्ध सड़कों पर उतरे पंजाब और हरियाणा के किसानों का समर्थन करते बहादुरगढ़ बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने किसानों पर हुई कार्रवाई पर काफी रोष जताया है।
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