किसान आंदोलन : सेल्फी पॉइंट बना टीकरी बार्डर

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसानों का एक बड़ा जत्था टीकरी बार्डर से अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। टीकरी बार्डर न केवल आंदोलनकारियों का ठिकाना बना है बल्कि सेल्फी पॉइंट भी बन गया है। रोजाना पंजाब के काफी युवा एवं किसान यहां आकर सेल्फी ले रहे हैं। इस सेल्फी को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं।
टीकरी बार्डर पर पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेड्स के आसपास लोगों का तांता लगा हुआ था। कोई बार्डर की फोटो खींच रहा था तो कोई वीडियो बना रहा था। अधिकांश युवा बार्डर पर लगे नाकों के साथ सेल्फी ले रहे थे। कुछ फेसबुक पर लाइव कर अपने दोस्तों को टीकरी बार्डर धरना स्थल पहुंचने की जानकारी दे रहे थे।
पंजाब से यहां पहुंचे गुरविंदर ने बताया कि उसके गांव से काफी किसान यहां आए हैं। इस सीमा पर हमारे किसान काके, ताये, मामे और भाइयों ने कड़कती ठंड में पानी की बोछारों का सामना किया। आंसू गैस के गोले भी झेले। इन तमाम मुश्किलाें से हम डरे नहीं बल्कि हमारे इरादे और मजबूत हुए हैं। खेती ही किसानाें के लिए सबकुछ होती है। वह खेती बचाने के लिए यहां आए हैं, बिना जीते वापस नहीं जाएंगे। रही बात सेल्फी की तो आज चल रहे इस आंदोलन को इतिहास में याद किया जाएगा। ये सेल्फी भी इन्हीं यादों का एक हिस्सा होगी।
जगशेर ने कहा कि हम जैसे युवा किसान यहां बार्डर पर फोटो-सेल्फी ले रहे हैं। बार्डर की ये तस्वीरें पंजाब में बैठे हमारे हजारों साथियाें को यहां आने को प्रेरित कर रही हैं। किसान लगातार आ रहे हैं और आते रहेंगे, लेकिन जब तक जीत नहीं मिलती वापस नहीं लौटेंगे।
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