विधायक बबली के खिलाफ किसानों का टोहाना में हल्ला बोल, एसडीएम कार्यालय का किया घेराव, गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचे

विधायक बबली के खिलाफ किसानों का टोहाना में हल्ला बोल, एसडीएम कार्यालय का किया घेराव, गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचे
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पुलिस ने सुनील कुमार की शिकायत पर ज्ञान भोड़ी, सोमवीर नैन व धीरज गाबा के खिलाफ गाड़ी का रास्ता रोककर जान से मारने की धमकी देने व गाली गलौच करने के आरोप में 9 धाराओं में केस दर्ज किया है वहीं दूसरा मामला राधेश्याम निवासी ठरवां की शिकायत पर कुलवंत सिंह, ज्ञान, बूटा सिंह, मछंदर सिंह, जितेन्द्र व अन्य के खिलाफ दर्ज किया गया है।

फतेहाबाद : टोहाना से जजपा विधायक देवेन्द्र बबली और किसानों के बीच मंगलवार को हुए टकराव के बाद बुधवार को टोहाना शहर में पूरी गहमा गहमी रही। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हरियाणा के अलावा साथ लगते पंजाब राज्य से भी काफी संख्या में किसान आज टोहाना पहुंचे और विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपने गुस्सा का इजहार किया वहीं पुलिस ने मंगलवार को हुई घटना के बाद किसानों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।

पुलिस ने सुनील कुमार की शिकायत पर ज्ञान भोड़ी, सोमवीर नैन व धीरज गाबा के खिलाफ गाड़ी का रास्ता रोककर जान से मारने की धमकी देने व गाली गलौच करने के आरोप में 9 धाराओं में केस दर्ज किया है वहीं दूसरा मामला राधेश्याम निवासी ठरवां की शिकायत पर कुलवंत सिंह, ज्ञान, बूटा सिंह, मछंदर सिंह, जितेन्द्र व अन्य के खिलाफ दर्ज किया गया है। किसानों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए बुधवार को टोहाना शहर को पुलिस छावनी के रूप में बदल दिया गया और जिलेभर की पुलिस फोर्स व अधिकारी टोहाना में ही मौजूद रहे। इस मामले को लेकर किसान प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के बीच बैठक हुई।

बैठक में डीसी डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ व एसपी डॉ. राजेश कुमार भी मौजूद रहे वहीं किसानों की तरफ से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसान बातचीत के लिए पहुंचे। बैठक में जिला प्रशासन द्वारा किसानों से 2-3 दिन का समय मांगा गया। इस पर किसान प्रतिनिधियों ने प्रशासन को 7 जून तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 7 जून तक किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस नहीं होते और विधायक द्वारा माफी नहीं मांगी जाती तो 7 जून को प्रात: 11 से दोपहर 1 बजे तक किसानों द्वारा प्रदेशभर में थानों का घेराव किया जाएगा। इसके बाद भी अगर समाधान नहीं हुआ तो 10 व 11 जून को टोहाना में विधायक की शव यात्रा निकाली जाएगी और आंदोलन को ओर तेज किया जाएगा। बातचीत के बाद किसानों ने आज के अपने धरने को खत्म कर दिया।

गौरतलब है कि मंगलवार को नागरिक अस्पताल टोहाना में एक्सरे मशीन का उद्घाटन करने पहुंचे विधायक देवेन्द्र बबली को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। विधायक का आरोप है कि किसानों ने उनकी गाड़ी में टक्कर मारी और गाड़ी का शीशा तोड़ा वहीं किसानों ने विधायक पर गाली-गलौच करने का आरोप लगाया था। विधायक के इस रवैये से किसानों में रोष फैल गया और किसानों ने बुधवार सुबह टाऊन पार्क स्थित पक्का मोर्चा स्थल पर पंचायत करने का ऐलान कर दिया।

बुधवार सुबह से ही पक्का मोर्चा स्थल पर किसानों का आना शुरू हो गया और कुछ ही घंटों में सैकड़ों की संख्या में किसान टोहाना में इकट्ठे हो गए और बबली के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। पंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने मंगलवार को हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और सरकारी गुण्डागर्दी बताया। उन्होंने कहा कि अगर विधायक में दम है तो वह पुलिस को हटाकर जनता के बीच आकर दिखाए। उन्होंने कहा कि विधायक देवेन्द्र बबली ने जानबूझ कर जनता को भड़काया और उनकी मंशा उपद्रव करवाना और दंगे भड़काने जैसे हालात पैदा करनी थी। विधायक चाहते थे कि किसान भड़के और कुछ ऐसा करें जिससे सरकार को किसान आंदोलन को बदनाम करने का मौका मिल जाए। शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों से गाली-गलौच कर विधायक ने उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि आज पंचायत में निर्णय लिया गया है कि विधायक किसानों से किए दुव्यर्वहार के लिए माफी मांगे और किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए केस तुरंत वापस लिए जाए। विधायक किसानों को यह विश्वास दिलाएं कि आगे से ऐसी गलती नहीं होगी। अगर विधायक किसानों से माफी नहीं मांगते तो हैं तो प्रशासन द्वारा उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाए। चढूनी ने कहा कि अगर किसानों की इन मांगों को नहीं माना जाता तो यहां के किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर आंदोलन को तेज किया जाएगा। पंचायत के बाद किसानों ने एसडीएम कार्यालय की तरफ कूच किया और एसडीएम कार्यालय का घेराव कर रोष प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसके बाद मौके पर पहुंचे डीसी, एसपी, एसडीएम व डीएसपी के साथ किसान प्रतिनिधिमंडल की बातचीत हुई। बैठक में बातचीत के बाद पहले अधिकारियों ने इस मामले को लेकर विधायक से बातचीत के लिए आधे घंटे के समय मांगा। आधे घंटे बाद दोबारा हुई बैठक में अधिकारियों ने किसानों से इस मामले को लेकर 2-3 दिन समय की मांग की, जिस पर किसानों ने प्रशासन को 7 जून तक का अल्टीमेटम दिया और किसानों की मांगे पूरी न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।

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