ट्यूबवेल कनेक्शन ना मिलने पर किसानों का कैथल में हंगामा, पुलिस के साथ हुई झड़प

ट्यूबवेल कनेक्शन ना मिलने पर किसानों का कैथल में हंगामा, पुलिस के साथ हुई झड़प
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पिछले करीब चार साल से ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं। जिससे किसानों में गहरा रोष है। जब किसान निगम के कार्यालय में पहुंचे तो पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया। जिसके बाद पुलिस व किसानों के बीच झड़प हो गई।

हरिभूमि न्यूज : कैथल

लंबित पड़े ट्यूबवेल कनेक्शन न मिलने पर सोमवार को किसान पिहोवा चौक स्थित राजीव गांधी विद्युत सदन में प्रदर्शन करने पहुंचे। इस दौरान जब किसान निगम के कार्यालय में पहुंचे तो पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया।जिसके बाद पुलिस व किसानों के बीच झड़प हो गई। यह झड़प किसानों के निगम परिसर के अंदर जाने को लेकर हुई। बता दें कि किसान बिजली निगम के अधीक्षक अभियंता कशिक मान को ज्ञापन देने के लिए जा रहे थे। परंतु उस समय पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प के दौरान निगम परिसर में मुख्य गेट के शीशे भी टूट गए। इस प्रदर्शन की अगुआई भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी गुट के जिला प्रधान होशियार गिल प्यौदा कर रहे थे। जिला प्रधान होशियार गिल प्यौदा ने कहा कि बिजली निगम के अधिकारी अपनी तानाशाही रवैये पर उतर आए हैं। झड़प के बाद कुछ देर तक किसान मुख्य गेट पर ही धरना लगाकर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने रास्ता ही रोक लिया। कुछ देर बाद पुलिस के समझाने के बाद वे वापस लौट गए।

पिछले चार साल से नहीं मिल रहे कनेक्शन

जिला प्रधान होशियार गिल प्यौदा ने कहा कि बिजली निगम की तरफ से पिछले करीब चार साल से ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं। जिससे किसानों में गहरा रोष है। गिल ने कहा कि कनेक्शनों की सिक्योरिटी राशि भी किसानों की तरफ से जमा करवाई गई है, लेकिन उसके बावजूद किसानों को कनेक्शन न देकर उनके साथ अन्याय किया जा रहा है।

सरकार के आदेशों के तहत दिए जाते हैं कनेक्शन

उत्तर हरियाणा बिजली निगम के अधीक्षक अभियंता कशिक मान ने बताया कि ट्यूबवेल कनेक्शन सरकार के आदेशों के तहत ही दिए जाते हैं। जैसे ही सरकार के आगामी आदेश आएंगे। उसके अनुसार किसानों को कनेक्शन दे दिए जाएंगे। किसानों को मुलाकात के लिए 17 मई का समय दिया गया है। बातचीत के तहत हल निकाला जाएगा।

पुलिस ने केवल रोका था

थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर रोहताश ने बताया कि किसानों की पुलिस के साथ झड़प होने वाली ऐसी कोई बात नहीं है। किसानों को मुख्य गेट पर ही रुके रहने का आग्रह किया था, लेकिन वह अंदर आ रहे थे। जिस पर पुलिस ने उन्हें केवल रोका था।

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