फतेहाबाद : खेतों में किसानों का सोना तैयार, आग बुझाने वाले दमकल विभाग का खुद निकला दम

सुरेन्द्र असीजा : फतेहाबाद
गेहूं का सीजन सिर पर है। खेतों में बिजली की झूलती तारों से कहीं भी आगजनी की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन दमकल विभाग (Fire department) की अपनी सांसें ही उखड़ी हुई है। ऐसे में कैसे बुझेगी आग, इसे सोचकर ही किसानों के साथ-साथ आम लोगों के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंच जाती है। दमकल विभाग के हालात यह हैं कि 6 माह से प्रदेशभर के कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल पाया है। विभाग के पास कच्चे-पक्के 29 ही कर्मचारी है जबकि विभाग को इस समय 54 कर्मचारियों की जरूरत है। अग्निशमन की गाड़ियों (Fire Brigade) में पानी भरने के लिए भी सुविधाओं का टोटा है।
फतेहाबाद दमकल विभाग के पास आग को बुझाने के लिए 4 गाडि़यां हैं, जिनमें एक महीने पिछले 5 महीने से खराब खड़ी है। ऐसे ही भट्टू और भूना में 1-1, रतिया में 2 व टोहाना में 3 गाड़ियां हैं। रतिया में 1 गाड़ी लंबे समय से खराब है। दमकल के अधिकारियों ने इसे ठीक करवाने के लिए मुख्यालय को लिखा लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं आया। अब सवाल यह है गेहूं का सीजन सिर पर है। एक दमकल विभाग पर 20 किलोमीटर का दायरा आता है। यहां बिजली की झूलती तारें आपस में टकराने और उनमें स्पार्किंग होने से हर साल आग लगती है, जिससे खेतों में पककर तैयार खड़ी गेहूं की फसल राख के ढेर में तबदील हो जाती है। ऐसे में दमकल विभाग की जरूरत और ज्यादा महसूस होती है।
54 की जरूरत, काम कर रहे हैं सिर्फ 29 कर्मचारी
फतेहाबाद दमकल विभाग के पास 3 गाडि़यां हैं। 8 घंटे ड्यूटी के हिसाब से विभाग को 54 कर्मचारी चाहिए। यानि एक गाड़ी पर एक समय में 6 कर्मचारियों का स्टाफ रहता है, जिनमें एक चालक, 4 फायरमैन व 1 लीडिंग फायरमैन शामिल होता है। ऐसे में एक गाड़ी पर दिन की तीन शिफ्टों में कुल 18 कर्मचारियों की जरूरत होती है। ऐसे में फतेहाबाद में 54 कर्मचारियों की जरूरत है। विभाग के पास अब 29 कर्मचारियों का स्टाफ है, जिनमें एक फायर ऑफिसर, एक सब फायर ऑफिसर, 5 लीडिंग फायरमैन, 1 फायरमैन और दो चालक है। इसके अलावा डीसी रेट पर 6 चालक और 14 फायरमैन यहां काम कर रहे हैं।
8 घंटे से शिफ्ट हुई 12 घंटे, छुट्टियां रद्द
कर्मचारियों की कमी के चलते विभाग ने इस मौसम में 8 घंटे की बजाय 12 घंटे की शिफ्ट कर दी है यानि जो कर्मचारी तैनात हैं, उन्हें 12-12 घंटे काम करना होगा। विभाग ने गेहूं के सीजन को देखते हुए सभी छुट्टियां व अन्य रैस्ट रद्द कर दिए हैं। पिछले दिनों रतिया में एक शोरूम में आग लगने पर रतिया व भूना से दमकल की गाडि़यां मंगवाने को लेकर फोन किया गया तो उन्होंने डीजल न होने की बात कहकर गाडि़यां भेजने में असमर्थता जताई। तब फतेहाबाद से गाडि़यांे ने रतिया जाकर आग बुझाई। इसका मुख्य कारण विभाग ने पेट्रोल पम्पों का पिछले 6 माह से बिल अदा नहीं किए थे। 2 दिन पूर्व ही सरकार ने इन पेट्रोल पम्पों को बकाया राशि जारी की है। अग्निशमक गाडि़यों में आग बुझाने के लिए पानी होना नितांत आवश्यक है। अब भट्टू रोड पर जनस्वास्थ्य विभाग का एक ही ट्यूब्वैल है जहां से विभाग की गाडि़याें में पानी भरा जाता है। शहर या अन्य भीड़-भाड़ वाली जगहों पर आग लगने पर विभाग की गाड़ी एक जगह से पानी भरने के लिए बार-बार चक्कर काटती है, इससे कर्मचारियों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
6 महीने से नहीं मिला वेतन
कर्मचारियों की मानें तो पिछले 6 महीने से प्रदेशभर के दमकल विभाग के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। ऐसे में उनको घर चलाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। एक कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि टोहाना में एक कर्मचारी ने आवाज उठाई तो विभाग के उच्चाधिकारियों ने उसकी आवाज को दबाना चाहा। उसके बाद प्रदेश के कर्मचारी खामोश होकर रह गए हैं।
विभाग को 54 कर्मचारियों की जरूरत है जबकि विभाग के पास 29 कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। उनमें भी 20 डीसी रेट पर है। कर्मचारियों की कमी के कारण अब 3 की बजाय 2 शिफ्टों में काम करने के आदेश दिए गए हैं। - राजेन्द्र सिंह, सब फायर ऑफिसर, दमकल विभाग फतेहाबाद
पहले यह विभाग नगरपरिषद व मार्किट कमेटी के अधीन आता था। 1 नवम्बर 2021 को सरकार ने इसे इन विभागों से अलग कर अलग महकमा बना दिया। अलग विभाग बनने से कई तरह की दिक्कतें आती है। अब वेतन के लिए प्रोसेस चल पड़ा है। 2-4 दिन में कर्मचारियों को वेतन मिल जाएगा। -भूप सिंह, मुख्य फायर ऑफिसर, दमकल विभाग फतेहाबाद
दमकल विभाग में 6 माह से खराब खड़ी गाड़ी।
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