आईएएस ऑफिसर बनना चाहती है किसान की बेटी

कलायात। शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को किस तरह पलकों पर बैठाया जाता है इसकी खास झलक हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने पेश की। महिला मंत्री खुद गांव कमालपुर की प्रतिभावान बेटी सलोनी के आंगन पहुंची। इसने 10 बोर्ड परीक्षा में हरियाणा में तीसरा स्थान अर्जित किया है।
गांव मटौर के टैगोर पब्लिक स्कूल की छात्रा के कुशल प्रदर्शन से कमलेश ढांडा बेहद प्रभावित हुई है। इसलिए उन्होंने बेटी को दहलीज पर पहुंचकर सम्मान एवं उत्साहवर्धन का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि सलोनी ने 500 में से 498 अंक हासिल कर यह दिखा दिया है कि म्हारी बेटियां किसी से कम नहीं हैं।
पिता को बेटी पर नाज, संस्थान दिखाते हैं रोशनी
छात्रा के पिता संजीव को बेटी पर बोर्ड परीक्षा में परचम फहराने पर नाज है। सलोनी ने महिला मंत्री कमलेश ढांडा को बताया कि उसके जीवन का सपना आईएएस आफिसर बनना है। छात्रा का कहना है कि जिस प्रकार परिवार सामाजिक सद् गुणों की प्रथम पाठशाला है उसी तरह शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को आगे बढ़ने की रोशनी दिखाते हैं। इसलिए पाठशाला और घर को मंदिर का दर्जा हासिल है।
मंत्री ने छात्रा को 21 हजार देने का ऐलान किया
बेटी सलोनी को घर पहुंचकर हरियाणा महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा द्वारा सम्मान देने की परंपरा की इलाके में प्रशंसा की जा रही है। लोगों का कहना है कि बच्चे कल का भारत हैं। इनके सपनों को पंख लगाने के लिए उत्साहवर्धन वक्त की मांग है। जिस राष्ट्र के नागरिक कुशल हों निश्चित रूप से उसका भविष्य स्वर्णिम होता है। उन्होंने छात्रा को प्रशंसा पत्र सौपते हुए उसे 21 हजार रुपये की राशि देने का ऐलान किया। ढांडा ने कहा कि यह राशि छात्रा के बैंक खाते में भिजवा दी जाएगी।
सीएम का सपना साकार कर रहे होनहार: ढांडा
प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि विद्यार्थियों में कौशल बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विशेष नीति बनाई है। इसके तहत योग्यता के आधार पर नौकरियां युवाओं को दी जा रही हैं। बिना पर्ची और खर्ची के नौकरी देने का इतिहास हरियाणा में सुनहरे अक्षरों में लिखा जा रहा है। होनहार छात्र-छात्राएं देश-प्रदेश के हीरे, मोती और कोहिनूर हैं। राष्ट्र की शान बढ़ाने की इनकी भूमिका महत्वपूर्ण हैं। इसलिए इनको सम्मान देना जरूरी है।
असंभव को संभव बनाते हैं बुलंद हौसले
अक्सर शहरी क्षेत्रों में आधुनिक सुविधाओं का हवाला देते हुए बेहतर परीक्षा परिणामों का कारक बताया जाता है। लेकिन बुलंद हौसलों से किस प्रकार असंभव को संभव बनाया जा सकता है इसका उदाहरण कमालपुर गांव की बेटी सलोनी बनी है। इनका कहना है कि जब इच्छा शक्ति लक्ष्य को लेकर दृढ़ हो तो तम मिटता है और प्रकाश की किरणें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती हैं। इस दिशा में शिक्षक, अभिभावक, सहपाठी और सरकार की शिक्षा नीति नि:संदेह बड़ा सहारा साबित होती हैं।
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