Farmers News : नारनौल की दोनों मंडियों में होगी रबी फसल की खरीद, सरकारी तैयारियां शुरू

नारनौल। प्रदेश सरकार की ओर से रबी फसलों का उत्पादन खरीद करने की घोषणा के साथ ही मंडियों में अनाज खरीद के इंतजाम की तैयारियां शुरू हो गई हैं। वैसे तो रबी फसल की खरीद शहर के नांगल चौधरी रोड स्थित नई अनाज मंडी में की जाती रही है, लेकिन गत वर्ष व्यापारियों द्वारा किए गए धरना-प्रदर्शन के चलते इस साल भी रबी फसल की कॉलेज के साथ लगती अनाज मंडी में भी व्यापारी खरीद कर सकेंगे। इस प्रकार नांगल चौधरी रोड मंडी में सरकारी तथा कॉलेज मंडी में प्राइवेट खरीद होने की संभावनाएं बनी हुई हैं।
उल्लेखनीय है कि नारनौल शहर में दो मंडियां स्थित हैं। एक मंडी ब्वॉयज कॉलेज के साथ बनी हुई है, वहीं एक और नई मंडी शहर के नांगल चौधरी रोड पर विकसित की गई है। पुरानी मंडी छोटी पड़ने के चलते ही करीब एक दशक पहले वर्ष 2010-11 में नांगल चौधरी रोड पर नई अनाज, सब्जी एवं पशुचारा मंडी विकसित की गई थी, जो करीब 65 एकड़ में बनी हुई है, लेकिन कमाल की बात यह है कि यह नई अनाज मंडी अब भी पूर्णतया विकसित नहीं हो पाई है, क्योंकि यहां की दुकानों के प्लाटों की कीमतों को लेकर आढ़तियों एवं मार्केट कमेटी के बीच विवाद बना हुआ है। मार्केट कमेटी की ओर से अनाज मंडी में 257 दुकानें निर्धारित की हुई हैं, जिनमें से 35 दुकानें खुली बोली तथा 81 दुकानें ऑनलाइन नीलामी में बेचने की प्रक्रिया से गुजर चुकी हैं, लेकिन कमाल की बात यह है कि व्यापारियों एवं मार्केट कमेटी के बीच कीमतों को लेकर वर्ष 2015 से विवाद बना हुआ है। मार्केट कमेटी अधिकारियों ने एक दुकान के प्लाट की कीमत 42.90 लाख रुपये न्यूनतम दर निर्धारित की थी और व्यापारियों ने इनकी बोली में हिस्सा में भी लिया था, लेकिन बाद में व्यापारी कीमत ज्यादा मानते हुए कोर्ट में चले गए। हालांकि उन्होंने स्थानीय विधायकों से लेकर सीएम तक से कीमतें कम करने की गुहार लगाई, लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ी। कोर्ट से भी एकबार हार का मुंह देखना पड़ा। बाद में मार्केट कमेटी ने उक्त मूल कीमत में 35 प्रतिशत मूलधन तथा ब्याज और जोड़ दिया, जिस कारण फिलहाल एक दुकान की कीमत लगभग 92 लाख रुपये पहुंच गई है, जिसे अदा करने में व्यापारी असमर्थता दिखा रहे हैं। यहां 116 दुकानों में से केवल 45 दुकानें ही बन पाई है, शेष अब भी खाली ही हैं। दूसरी ओर सब्जी मंडी की कुल 53 दुकानों में से केवल 16 दुकानें बची हैं और अधिकांश बन चुकी हैं। इन 16 में से 14 का कोर्ट केस चला हुआ है। सब्जी मंडी की एक दुकान की बोली पिछले दिनों लगभग 3.17 करोड़ तक में बोली छूटी थी। इस प्रकार एकतरफ जहां अनाज मंडी के व्यापारी वर्तमान लगभग 92 लाख रुपये अदा करने को तैयार नहीं हैं, वहीं सब्जी मंडी के व्यापारी तीन करोड़ से अधिक राशि देकर दुकान खरीद चुके हैं। जबकि मंडी वही है।
इस ज्यादा कीमत ही नहीं, नांगल चौधरी रोड पर अनाज का कोई काम रेगुलर नहीं होने के कारण वहां आढ़ति जाने को भी तैयार दिखाई नहीं देते और वह बार-बार सरकार से रेट कम करने की मांग कर रहे हैं।
रेट कम करने की मांग
मंडी के प्रधान लाला बृजमोहन गुप्ता एवं रमेश कांटी वाला ने बताया कि सरकार ने उक्त मंडी में रेट बहुत ज्यादा रख दिए हैं, जिसे अदा करने में व्यापारी असमर्थ हैं। सरकार ने मूल रेट 42.90 लाख रुपये में बाद में करीब 35 प्रतिशत मूलधन तथा ब्याज और जोड़ दिया, जिस कारण अब दुकान की कीमत बढ़कर 92 लाख रुपये हो गई है। जबकि वहां परिंदें भी पर मारने नहीं आते और कोई काम-धंधा भी नहीं है। इस कारण सरकार को वहां के रेट 30 लाख रुपये के हिसाब से रखने चाहिए।
पिछले साल किया था क्रमिक अनशन
रेट को लेकर ही पिछले साल व्यापारियों ने करीब एक पखवाड़े तक क्रमिक अनशन एवं धरना दिया था और पुरानी मंडी में ही खरीद चालू रखने की मांग की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था। यही वजह है कि उस समय की गई घोषणा के अनुसार अब 31 अगस्त 2023 तक कॉलेज के साथ मंडी में भी व्यापारी अन्न की खरीद कर सकेंगे।
रबी के नए रेट
राज्य सरकार द्वारा अबकी बार गेहूं 2125 रुपये, जौ 1735, चना 5335 तथा सरसों 5450 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद किए जाएंगे। सरकार की ओर से यही समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। 28 मार्च से सरसों, एक अप्रैल से गेहूं व चना तथा एक जून से सूरजमुखी की खरीद होनी है।
रबी की खरीद दोनों मंडियों में की जाएगी। सरकारी खरीद नांगल चौधरी रोड अनाज मंडी में होगी, जबकि व्यापारी अपनी पुरानी जगह पर ही खरीद कर सकेंगे। -मार्केट कमेटी की सचिव नुकूल यादव
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