Farm Laws : कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर हरियाणा के किसानों ने कही बड़ी बात

Haryana : पीएम मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद हरियाणा किसानों ने इसे सभी किसानों की जीत बताया है। वहीं उन्होंने आंदोलन खत्म न करने की घोषणा कर दी है। कहा जब तक संसद की मुहर नहीं लग जाती तब तक वापस नहीं हटेंगे। किसान नेता बलदेव सिंह जियालाल ने टिकरी बॉर्डर पर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा ना केवल किसानों बल्कि देश के हर नागरिक की जीत है। बॉर्डर खाली करने के सवाल पर उनका कहना है कि अभी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में इसे लेकर निर्णय लिया जाएगा। बता दे कि 17 सितंबर 2020 को ये तीनों कानून संसद से पास हुए थे तब से किसान लगातार इन कानूनों का विरोध कर रहे थे।
प्रधानमंत्री की बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता
भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला ने कहा कि जब तक तीन कृषि कानून कागजातों में रद्द नहीं हो जाता तब तक प्रधानमंत्री की बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता उन्होंने केवल आश्वासन दिया है न की तीन कृषि कानून को रद्द किया है किसान पिछले 1 साल से दिल्ली के बाहर तीन कृषि कानून के विरोध में डेरा डाले हुए हैं संघर्ष कर रहे हैं जान गवा रहे हैं किसानों पर लाठियां चलाई जा रही है गाड़ियों के नीचे रोंदा जा रहा है अब महज आश्वासन से तीन कृषि कानून रद्द नहीं हुआ है अगर प्रधानमंत्री कागजातों में तीन कृषि कानून को रद्द करते हैं तो भाकियू उसका स्वागत करेगी।
हरियाणा किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष पहलाद सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने के फैसले को किसानों की जीत बताया है उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद किसानों का यह पहला आंदोलन है जो इतना लंबा चला और इस दौरान किसानों ने अपने हकों की लड़ाई के लिए करीब 700 किसानों ने शहादत दे दी उन्होंने कहा कि यह 700 किसानों के सहादत का ही परिणाम है कि 7 साल में पहली बार प्रधानमंत्री मोदी को अपना फैसला वापस लेना पड़ा उन्होंने कहा कि जो भी सत्ता में बैठने वाला नेता किसानों के खिलाफ फैसला करेगा उसके खिलाफ पूरे देश का किसान एकजुट होकर लड़ेगा और आज प्रधानमंत्री मोदी के फैसले से इस बात पर मुहर लग गई कि जब जब इस देश का अन्नदाता खड़ा हुआ है हुकमरानो को झुकना पड़ा है।
कृषि कानून वापिस लिए जाने पर किसानों ने जताई खुशी
कैथल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रकाश पर्व के अवसर पर तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने को लेकर किसानों में भारी खुशी उत देखने को मिल रही है। भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष होशियार सिंह गिल ने इसे सभी किसानों की जीत बताया है । उन्होंने कहा कि वे इसके लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हैं कि जिन्होंने काले कानून वापस लेने का ऐलान किया होशियार सिंह ने कहा कि उनकी किसी के साथ भी जातीय दुश्मनी नहीं थी। किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे और उन्होंने अपना हक हासिल किया है। उन्होंने कहा कि अपने हक के लिए शहीद होने वाले सैकड़ों किसानों और उनके परिवारों को नमन करते हैं । उन्होंने कहा कि जब तक काले कानून वापस लिए जाने पर संसद की मुहर नहीं लग जाती तब तक किसान पूर्व की भांति दिल्ली में डटे रहेंगे। उन्होंने कहा कि आज किसान हासी की तरफ कूच कर रहे हैं और वहां पर जाकर एसपी का घेराव करेंगे। उसने कहा कि हांसी में मारपीट करने वालों को जब तक अंदर नहीं किया जाता तब तक किसान चुप बैठने वाले नहीं हैं।
जींद : भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला ने कहा कि जब तक तीन कृषि कानून कागजातों में रद्द नहीं हो जाता तब तक प्रधानमंत्री की बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता उन्होंने केवल आश्वासन दिया है न की तीन कृषि कानून को रद्द किया है किसान पिछले 1 साल से दिल्ली के बाहर तीन कृषि कानून के विरोध में डेरा डाले हुए हैं संघर्ष कर रहे हैं जान गवा रहे हैं किसानों पर लाठियां चलाई जा रही है गाड़ियों के नीचे रौंदा जा रहा है अब महज आश्वासन से तीन कृषि कानून रद्द नहीं हुआ है अगर प्रधानमंत्री कागजातों में तीन कृषि कानून को रद्द करते हैं तो भाकियू उसका स्वागत करेगी।
एमएसपी की कानूनी गारंटी व किसानों पर बनाए गए केस वापस लिए जाए : प्रिंस वडैच
कुरुक्षेत्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाकियू के जिला मीडिया प्रभारी प्रिंस वडैच ने कहा कि जब तक संसद में तीनों कानून वापस होने का प्रस्ताव पास नहीं होता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। अभी कोई जश्न नहीं मनाया जाएगा। अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। जब तक एमएसपी की कानूनी गारंटी व किसानों पर बनाए गए केस वापस नहीं लिए जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा। कुछ ही देर में एसकेएम की मीटिंग होगी। मीटिंग के बाद जो आदेश आएंगे उनका पालन किया जाएगा।
रेवाड़ी : किसान नेता रामकिशन मेहलावत ने कानून वापस लेने पर प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया है। साथ ही उन्होंने ने कहा एमएसपी भी आंदोलन का अहम हिस्सा उसके बिना किसानों की समस्या का समाधान संभव नहीं है।
आखिरकार हमारा आंदोलन रंग लाया : चौ. सुल्तान सिंह
नारनौल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों नए कृषि कानून वापस लेने के ऐलान पर किसान नेता ने खुशी जाहिर की है कि आखिरकार हमारा आंदोलन रंग लाया है और केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए हैं। यह विचार भारतीय किसान यूनियन एवं किसान समन्वय समिति के जिला प्रधान चौ. सुल्तान सिंह ने व्यक्त किए हैं। अपने बेटे की शादी के लग्र की तैयारियों में जुटे किसान नेता ने बताया कि आज उसकी खुशी दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि बेटे की शादी के लग्र के दिन यह दूसरा बड़ा खुशी का मौका आया है। उन्होंने कहा कि अब हमें इन तीनों कृषि कानूनों को संसद में रद्द करने का इंतजार रहेगा। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के वापस होने के बाद भी हमारी एमएसपी की मांग रहेगी तथा सरकार को इसे पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन की आगे की रणनीति शीर्ष नेताओं द्वारा तैयार रूपरेखा अनुसार ही लिया जाएगा।
तीनों काले कानूनों की वापसी #अन्नदाता के सत्याग्रह एवं बलिदान की जीत है। सच्चाई और इंसाफ की जीत के लिए किसानों को मुबारकबाद। प्रधानमंत्री जी से धन्यवाद के साथ आग्रह है कि #MSP सहित अन्य मांगों को भी जल्द स्वीकारें और अन्नदाताओं की सम्मान सहित घर वापसी करवा नववर्ष का तोहफा दें। pic.twitter.com/6qgAiItR3u
— Balraj Kundu (@BalrajKundu1) November 19, 2021
संसद में तीन कृषि कानूनों का समाधान होने पर ही खुलेगा मदीना टोल प्लाजा
मदीना टॉल प्लाजा पर धरने का नेतृत्व कर रहे किसान नेता बलवान सिंह ने गुरू पर्व के मौके पर तीन कृषि कानून रद करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयान का स्वागत किया है और खुशी जाहिर की है। कहा है कि अभी तो प्रधानमंत्री ने मुंह ही खोला है। राह निकल आया है, एक अच्छी शुरूआत हो गई है। लगता है कि महीना बीस दिन में इस मुदृदे का हल हो जाएगा। सरकार ने एक सकारात्मक पहल कर दी है। किसानों की संख्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अच्छा फैसला लिया है। देर आए दुरूस्त आए। वहीं किसानों का अभी तक सरकार पर पूरा भरोसा नहीं है। किसान धरना समाप्त तभी करेंगे, जब तीनों कृषि कानून रद हो जाएंगे। मदीना टोल प्लाजा पर भी किसानों का धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक संसद में कानून रद नहीं हो जाते। उम्मीद है कि 29 नवंबर के बाद धरना समाप्त हो जाए।
वहीं भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की मांग पूरी करके बड़ा काम किया है। हम इसके लिए प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद करते हैं। लेकिन अभी उस बैठक का भी इंतज़ार करेंगे जिसमें इन कानूनों को रद करने पर मुहर लगेगी।
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