सूक्ष्म सिंचाई : कम लागत से फसलों की अधिक पैदावार ले रहे हरियाणा के ये किसान, आप भी जानिए तरीका

चण्डीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज पंचकूला से 100 फुट से ज्यादा गहरे भूमिगत जल वाले गांवों के लिए सूक्ष्म सिंचाई की 7500 प्रदर्शन परियोजना के उद्घाटन समारोह में हरियाणा के प्रगतिशील किसानों से बात करते हुए कहा कि सूक्ष्म सिंचाई से धान लगाने का कार्य शुरू हो चुका है जो यह बहुत बड़ा उदाहरण है।
मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar द्वारा 2 साल पहले आरम्भ की गई मेरा पानी मेरी विरासत योजना के परिणाम जमीनी स्तर पर आने आरंभ हो गये हैं। किसान अब सूक्ष्म सिंचाई पद्धति को अपनाकर विभिन्न फसलों की खेती कर रहे हैं। इससे ना केवल पानी की बचत हो रही है बल्कि पैदावार में भी वृद्धि हो रही है। pic.twitter.com/n0x2d2D0EI
— DPR Haryana (@DiprHaryana) June 28, 2022
सूक्ष्म सिंचाई से होती है 50 से 60 प्रतिशत पानी की बचत
प्रगतिशील किसान मनोज कुमार, तरावड़ी, जिला करनाल ने मुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए बताया कि मैंने इस वर्ष मिकाड़ा के तहत सूक्ष्म सिंचाई का इस्तेमाल एक एकड़ भूमि पर किया। जिसमें धान की फसल लगाई हुई है, जिससे 50 से 60 प्रतिशत पानी की बचत के साथ-साथ खेत के मजदूरी का पैसा भी बचा है। उन्होंने बताया कि मैंने सिर्फ जीएसटी का 18 हजार रूपये ही भरा था बाकी का सारा खर्च 82 से 83 प्रतिशत सरकार द्वारा वहन किया गया है। डीएसआर विधि से 50 से 30 प्रतिशत पानी की बचत होती है। इसी प्रकार प्रगतिशील किसान अशोक रत्ताखेड़ा जिला फतेहाबाद ने बताया कि उन्होंने सूक्ष्म सिंचाई एक एकड़ में लगवाया है जिससे 50 प्रतिशत से अधिक पानी की बचत होती है और इस बार अपनी सारी जमीन पर सूक्ष्म सिंचाई लगवाने की सोच रहा हूँ।
सूक्ष्म सिंचाई से फसल की अधिक पैदावार
प्रगतिशील किसान बलबीर सिंह जिला अंबाला ने अपने खेत से मुख्यमंत्री से सीधी बात करते हुए बताया कि 2019-20 में सिंचाई विभाग की टीम आई थी जिन्होंने मुझे यह प्रोजेक्ट लगाने की सलाह दी। तो मैने दो एकड़ गन्ने की फसल में यह प्रोजेक्ट लगवाया और पिछले वर्ष धान की खेती में भी इसका उपयोग किया। सूक्ष्म सिंचाई से किसान को पानी व बिजली की बचत के साथ-साथ फसल की अधिक पैदावार भी होती है।
सूक्ष्म सिंचाई से एक घंटे में पांच एकड़ फसल में फिरता है पानी
प्रगतिशील किसान हक्कम सिंह जिला यमुनानगर ने बताया कि वह 21 एकड़ भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई से खेती कर रहा है। जिसमें गन्ना और धान की फसल कर रहा है। उन्होंने बताया कि पहले एक ट्यूबवेल से 8 घंटे में एक एकड़ में पानी फिरता था लेकिन अब सूक्ष्म सिंचाई के कारण एक घंटे में पांच एकड़ फसल में पानी फिरता है। इससे पानी के साथ बिजली की भी बचत हो रही है।
सूक्ष्म सिंचाई से भविष्य की आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा पानी
प्रगतिशील किसान लखविंदर सिंह जिला कुरुक्षेत्र ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई पानी बचाने के लिए बहुत अच्छी योजना है क्योंकि इससे भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को पानी मिल सकेगा। यह एक यूनिक आईडिया है जो हमारी पुस्तो को बचाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि वह घर का पानी व छत के पानी को पाइप के माध्यम से खेत में ले जाकर उसका भी सिंचाई के लिए इस्तेमाल करता है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS