किसान आंदोलन : हरियाली तीज पर महिलाओं के हाथ में होगी बॉर्डर की कमान

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
वीरवार को जींद के गांव भोंगरा व गांव करेला, फतेहाबाद के गांव ढाणी भोजराज, रतिया के गांव लाली, झज्जर के गांव गोछी, जींद के मखंड, हिसार के गांव कनोह, रोहतक के गांव रिठाल व गांव गिरावड़, हिसार के गांव बांस, महम के गांव सामन पुठी, गांव फरमाना व मदीना से किसानों के जत्थे डाक कांवड़ के रूप में अपने-अपने गांव से मिट्टी व जल लेकर टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे। किसान प्रतिमा पर मिट्टी व जल चढ़ाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मंच पर उनका स्वागत किया गया।
रोहतक के गांव खेड़ी साध से गीता गहलावत की अगुवाई में अलग-अलग गांव की करीब दो दर्जन महिलाएं पैदल कांवड़ लेकर टीकरी बॉर्डर पर पहुंची। सभी महिलाओं का स्वागत किया गया। इसके बाद मंच से 10 अगस्त को तीज का त्यौहार बॉर्डर पर मनाने का आह्वान करते हुए उस दिन स्टेज की कार्रवाई महिलाओं के हवाले करने की घोषणा की गई। वहीं आंध्र प्रदेश से आए नरसिंगा राव ने आंदोलनरत किसानों को समर्थन देते हुए कहा कि पूरा देश इस आंदोलन के साथ है और जीत किसान की ही होगी। यूएसए से आई प्रवीण कौर ने धरनारत किसानों को समर्थन देते हुए कहा कि किसान की हालत दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है।
आंदोलन में करीब 600 किसान शहीद हो चुके हैं। लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। पंजाब से आए अमरजीत सिंह ने कहा कि आज खेती घाटे का सौदा बन गई है। खेती में प्रयोग होने वाली हर चीज के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन उपज की उचित कीमत के लिए किसान दशकों से संघर्ष कर रहा है। सरकार ने किसानों के फायदे के लिए कोई भी कानून नहीं बनाया। यह सरकार लगातार पूंजीपतियों को समर्थन कर रही है। हमें इस लंबी लड़ाई को हर हाल में जीतना है। एडवोकेट अमरजीत सिंह ने कहा कि 26 जनवरी प्रकरण के बाद पकड़े गए हर व्यक्ति और वाहन को छुड़वा लिया गया है। यदि फिर भी कोई वाहन या व्यक्ति अब भी पुलिस के कब्जे में है, तो उसका विवरण संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी तक पहुंचा दीजिए। उसे हर हाल में छुड़वाया जाएगा।
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