किसान आंदोलन : राकेश टिकैत पर हमले के विरोध में बनाई जाएगी नई रणनीति

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे धरनों पर किसानों की मौजूदगी को बढ़ाने और फसल कटाई के काम बिना बाधा के पूरा करने के लिए पंजाब के किसानों के लिए अलग से मोर्चा बनाने का निर्णय लिया गया है।
जिसका नाम पंजाब फॉर फार्मर्स रखा गया है। इसके गठन का ऐलान 7 अप्रैल को जालंधर में किया जाएगा। लुधियाना के कृषि विवि में अलग-अलग संगठनों के साथ बैठक के दौरान किसान मोर्चा ने यह निर्णय लिया है। साथ ही तय किया है कि अब धरनास्थलों पर मौजूद किसानों की फसल कटाई से लेकर बेचने तक की प्रक्रिया बाधित नहीं होगी। इसके लिए ग्रामीणों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। वहीं दूसरी और किसानों ने दो दिन पहले किसान नेता राकेश टिकैत पर हुए हमले के विरोध में भी नई रणनीति बनाने का एलान किया है, जिसके बारे में रविवार को निर्णय लिया जा सकता है।
दिल्ली मोर्चा में भागीदारी बढ़ाना है मकसद
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि पंजाब के नए मोर्चे के गठन का मकसद फसल कटाई के दौरान ड्यूटी वितरित करके दिल्ली मोर्चा में भागीदारी बढ़ाना है, ताकि किसानों का आंदोलन कमजोर ना पड़े। किसानों की फसल कटाई और बॉर्डर पर किसानों की मौजूदगी बढ़ाने के लिए एक योजना के तहत काम किया जाएगा। इसके तहत ग्रामीणों व मोर्चा के सदस्यों की अलग-अलग ड्यूटियां लगाई जाएगी।
पंजाब, पंजाबियत और पंजाबियों ने बनाए रखा जुनून
संयुक्त किसान मोर्चा के डा. दर्शन पाल ने कहा कि पंजाब, पंजाबियत और पंजाबियों ने किसान आंदोलन के जुनून को बनाए रखा है। सिख भावना ने इस संघर्ष के माध्यम से उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने की भावना को सभी के अंदर बनाए रखा है। किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने मोर्चे की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की और पंजाब के लोगों को इस आंदोलन में सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया। संयुक्त किसान मोर्चा और आज के कार्यक्रम में शामिल होने वाले संगठनों और जत्थेदारों ने जालंधर के देशभक्त यादगर हॉल में 7 अप्रैल को सुबह 11 बजे पहली बैठक के साथ "पंजाब फॉर फार्मर्स" नामक एक मोर्चा बनाने का फैसला किया है।
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