Farmers Protest : भूमि रिकार्ड संबंधी कागजात जमा नहीं कराएंगे किसान

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान नेताओं ने आंदोलन की आगामी रणनीति बनाने तथा घोषित कार्यक्रमों को लेकर कुंडली बॉर्डर पर बैठक का आयोजन किया। जिसमें पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने बैठक कर निर्णय लिया है कि कोई भी किसान भूमि रिकार्ड से संबंधी कोई भी कागजात सरकार के पास जमा नहीं कराएंगे। किसान नेताओं ने इसके लिए पंजाब के साथ ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के किसान से भी अपील की है कि वे इस तरह का कोई भी रिकार्ड सरकार को ना दें। भूमि संबंधी रिकार्ड लेकर सरकार किसानों के साथ सीधे तौर पर धोखाधड़ी कर रही है।
बता दें कि दिल्ली की दहलीज पर साढ़े तीन महीने से अधिक समय से किसान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार किसानों की मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही। जिससे किसानों में रोष है। किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक सरकार किसानों की मांगे नहीं मान लेती, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे। कुंडली बॉर्डर पर बृहस्पतिवार को हुई पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की बैठक में 19 मार्च को होने वाले प्रदर्शन की पर भी मंत्रणा की गई। साथ ही युवा किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाने की बात कही गई।
प्रधानमंत्री के नाम दिया जाएगा ज्ञापन
किसान नेताओं ने बताया कि 19 के प्रदर्शन में सभी मंडियो में मंडी सचिव के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। जिसमें किसान साफ करेंगे कि वह किसी तरह का कागज जमा नहीं कराएंगे। किसानों ने कहा कि निजीकरण का वह पहले दिन से विरोध करते रहे हैं और आगे भी करेंगे। बैठक में किसान नेताओं ने बताया कि वर्तमान आंदोलन में शहीद किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर पर एक स्मारक बनाने के लिए "मिट्टी सत्याग्रह यात्रा" विभिन्न हिस्सों से मिट्टी इकट्ठा करने के लिए देशभर में चल रही है। आंदोलन में अब तक 300 से अधिक किसान अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं।
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