पानीपत में डिप्टी सीएम दुष्यंत का किसानों ने विरोध किया, काले झंडे दिखाए

पानीपत : पानीपत में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Deputy Chief Minister Dushyant Chautala) के आगमन कर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने जोरदार विरोध किया। भाकियू ने जहां लघु सचिवालय में आवागमन के दौरान दुष्यंत चौटाला के काफिले को काले झंडे दिखाए, वहीं लघु सचिवालय के सामने ऐलिवेटेड हाईवे के नीचे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत का पुतला जलाया।
आंदोलनकारी किसानों ने लघु सचिवालय के सामने से लेकर स्काई लार्क के मोड तक जीटी रोड पर भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ जुलूस निकाल कर मोदी व प्रदेश सरकारों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इधर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत की सुरक्षा के लिए पानीपत प्रशासन ने सुरक्षा के सशक्त प्रबंध किए थे। लघु सचिवालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था, बिना जांच के किसी को भी लघु सचिवालय के वीआईपी गेट से अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था, लघु सचिवालय की तीसरी मंजिल स्थित सभागार क्षेत्र में पुलिस की थ्री लेयर सुरक्षा रही।
वहीं उपमुख्यमंत्री दुष्यंत हेलीकॉप्टर से पानीपत पहुंचे, हेलीकॉप्टर हुडा सेक्टर13/17 के हेलीपेड के बजाए आर्य कॉलेज के मैदान में उतरा, यहां से कडी सुरक्षा के बीच डीसीएम चौटाला को लघु सचिवालय लाया गया। चौटाला के काफिले की अगुवाई खुद उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह व पुलिस अधीक्षक शशांक सावन कर रहे थे। इधर, डीसीएम दुष्यंत के आगमन का कार्यक्रम होगा या नहीं इसे लेकर अफवाहों का दौर भी जारी रहा। वहीं आंदोलनकारी किसान वाहनों में सवार होकर लघु सचिवालय के सामने एलिवेटेड हाईवे के नीचे पहुंच गए और दुष्यंत के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष चडूनी ग्रुप सत्यवान नरवाल ने कहा कि ताऊ चौ. देवीलाल ने ताउम्र किसानों के हितों के लिए संघर्ष किया, वहीं किसानों ने भी ताऊ देवीलाल व उनके परिजनों का हमेशा तन मन धन से सहयोग किया, लेकिन सत्ता के लालच में चौ.देवीलाल के पोते अजय चौटाला व पडपोते दुष्यंत चौटाला ने किसान विरोधी पार्टी भाजपा से जा मिले। उन्होंने कहा कि अब किसानों का जजपा व इसके नेताओं से किसी भी तरह का संबंध नहीं है, वहीं किसान जजपा व भाजपा का विरोध जारी रखेंगे।
भाकियू नेता सुरेश दहिया, जगबीर बाबैल, बिंटू मलिक, सुरेंद्र नौल्था, राम सिंह कुंडू, डॉ सुरेंद्र मलिक, धर्मपाल, कौशल्या आदि किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में जहां केंद्र सरकार का विरोध जारी रहेगा, वहीं इन कानूनों का समर्थन करने वाली हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार का विरोध जारी रहेगा और दोनों दलों के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को गांवों के अंदर नहीं घुसने दिया जाएगा।
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