एक ओर मारामारी, दूसरी तरफ कालाबाजारी : किसानों ने हैफेड के गोदामों पर मारा छापा, डीएपी के 1000 कट्टे ढ़ाई महीने से थे स्टोर

एक ओर मारामारी, दूसरी तरफ कालाबाजारी : किसानों ने हैफेड के गोदामों पर मारा छापा, डीएपी के 1000 कट्टे ढ़ाई महीने से थे स्टोर
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वीरवार को भी कल रतिया क्षेत्र के सभी खाद विक्रेताओं के पास किसान संघर्ष समिति के कार्यकर्ता खाद लेने के लिए गए थे लेकिन किसी भी विक्रेता ने उन्हें खाद नहीं दी जिस कारण देर शाम उन्होंने एक गोदाम में छापा मारकर सैकड़ों खाद के कट्टे पकड़वाये थे।

हरिभूमि न्यूज. रतिया ( फतेहाबाद )

रतिया क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से खाद के लिए क्षेत्र के किसानों में मारामारी मची हुई है वही मंडी रोड पर हैफेड के गोदाम में खाद के करीबन 1000 कट्टे पिछले ढ़ाई महीने से धूल फांक रहे थे। किसानों की मांग के बावजूद भी यह खाद किसानों को उपलब्ध नहीं करवाई जा रही थी। किसान संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कन्वीनर मनदीप सिंह व जिला कैशियर सुखदीप सिंह के नेतृत्व में दर्जनों किसानों के साथ हैफेड के उक्त गोदाम पर छापा मारा तो वहां पर हजारों कट्टे मौके पर मिले। किसानों की कार्रवाई को देखते हुए विभाग द्वारा एक ट्रक खाद को तुरंत लधुवास गांव में भिजवा दिया गया।

किसान संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि खाद की ब्लैक व्यापारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से हो रही है जिस कारण किसानों को खाद नहीं मिल रही जबकि गोदामों में खाद सड़ रही है। कल रतिया क्षेत्र के सभी खाद विक्रेताओं के पास किसान संघर्ष समिति के कार्यकर्ता खाद लेने के लिए गए थे लेकिन किसी भी विक्रेता ने उन्हें खाद नहीं दी जिस कारण देर शाम उन्होंने एक गोदाम में छापा मारकर सैकड़ों खाद के कट्टे पकड़वाये थे। उन्होंने बताया कि आज उन्हें सूचना मिली थी कि मंडी रोड पर हैफेड के गोदाम में हजारों खाद के कट्टे पड़े हुए हैं किसान वहां पर पूछताछ करने के लिए गए तो गेटकीपर ने उन्हें कहा कि यहां पर खाद नहीं है। इसके बाद किसान खुद अंदर जाकर जब चेक करने लगे तो वहां पर हजारों खाद के कट्टे पड़े हुए थे। गुस्साए किसानों ने विभाग के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

इसी दौरान किसानों को देखकर एक ट्रक खाद लधुवास गांव में भेज दी गई। किसानों ने इसकी सूचना उपमंडल प्रशासन व जिला उपायुक्त को भी दी लेकिन अवकाश होने के कारण कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। बाद में हैफेड गोदाम के इंचार्ज राजेश कुमार मौके पर पहुंचे किसानों ने उनसे जवाब तलबी की तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस बारे में जब डिपू के इंचार्ज राजेश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह खाद 2-3 महीने पहले इस डिपू में आई थी जो की सोसाइटी की डिमांड पर भेजी जानी थी लेकिन किसी भी सोसायटी द्वारा अभी तक उनके पास खाद की डिमांड नहीं भेजी गई है। कल लधुवास गांव से डिमांड आई थी और वहां पर एक ट्रक खाद भेज दी गई है।

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