किसान अपने खेतों में 15 जून से पहले न करें धान की रोपाई, नहीं तो होगी कार्रवाई

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
उपायुक्त ललित सिवाच ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान अपने खेतों में 15 जून से पहले धान की रोपाई न करें। क्योंकि धान में पानी की खपत सबसे ज्यादा होती है। अगर हम ऐसे ही पानी की खपत करते रहे तो एक दिन ऐसा आएगा कि हमें पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि सोनीपत जिला धान के उत्पादन को लेकर हरियाणा के अग्रणी जिलों में सम्मलित है। धान का उत्पादन के लिए किसान नलकूपों से सिंचाई करता है जिससे पिछले 25 वर्षों से भूमि में पानी का स्तर नीचे जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार भी इस विषय में गंभीर है एवं इससे सम्बंधित अनेक योजनाएं धरातल पर लाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें धान की सीधी बिजाई जिसके तहत 4 हजार रुपये प्रति एकड़ का अनुदान एवं मेरा पानी मेरा विरासत जिसके तहत 7000 रुपये प्रति एकड़ जैसी योजनाएं प्रमुख रूप से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा लायी गई है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-निदेशक अनिल सहरावत ने बताया कि धान की फसल में एक किलोग्राम चावल पैदा करने के लिए 4 हजार से 6 हजार लीटर पानी की आवश्यकता होती है। यदि किसान 15 जून से पूर्व धान की रोपाई करता है तो पानी की खपत और भी अधिक बढ़ जाती है। क्योंकि इस समय वायुमंडल में वाष्पीकरण की मात्रा अत्याधिक होती है, जिससे पानी वाष्पीकरण ज्यादा होता है।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा द हरियाणा सब-साइल वाटर एक्ट 2009 नामक कानून लागू किया गया है। इसके अंतर्गत 15 जून से पहले कोई भी किसान धान की रोपाई न करे क्योंकि इस पर कानूनी रूप से प्रतिबंध है। जो भी किसान 15 जून से पूर्व धान की रोपाई करेगा उसके खिलाफ इस कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी और उसपर जुर्माना लगाया जाएगा।
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