हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला : धरनों पर बैठे किसानों और कुम्भ से लौटने वालों का होगा कोरोना टेस्ट, सरकारी अस्पतालों में सर्जरी बंद

हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला : धरनों पर बैठे किसानों और कुम्भ से लौटने वालों का होगा कोरोना टेस्ट, सरकारी अस्पतालों में सर्जरी बंद
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स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य स्तरीय कोविड निगरानी समिति की पहली बैठक ली। शहरी स्थानीय निकाय विभाग को राज्य के सभी शहरों तथा पंचायत विभाग को सभी गांवों को सैनिटाइज करने की जिम्मेदारी दी है।

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ( Anil Vij) का कहना है कि निजी और सरकारी अस्पतालों में जाने वाले खांसी, जुकाम, गला दर्द या बुखार जैसे लक्षणों वाले मरीजों का कोविड टैस्ट कराया जाएगा ताकि मरीजों का समुचित उपचार किया जा सके। इसके साथ ही कोविड मामलों की बढ़ोतरी के मद्देनजर राज्य के नागरिक अस्पतालों में सर्जरी को बंद कर दिया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य स्तरीय कोविड निगरानी समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि इसके साथ ही कुम्भ स्नान से लौटने वाले सभी श्रद्धालुओं का हरियाणा के सभी प्रवेश द्वार पर ही कोरोना टैस्ट कराया जाएगा ताकि कोरोना से पीड़ित लोगों का अलग से उपचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा के बार्डर पर जो किसान धरने पर बैठे हैं, स्वास्थ्य विभाग उनकी कोरोना जांच और टीकाकरण करने की पहल करेगा। इसके लिए पहले किसान नेताओं से बातचीत भी की जाएगी। इसके साथ ही शहरी स्थानीय निकाय विभाग को राज्य के सभी शहरों तथा पंचायत विभाग को सभी गांवों को सैनिटाइज करने की जिम्मेदारी दी है।

मेलों और सामूहिक आयोजन पर लगाई रोक

स्वास्थ्य मंत्री विज ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे सरकार द्वारा जारी कोविड-19 के नियमानुसार राज्य में मेलों के आयोजनों पर आगामी आदेशों तक पाबन्दी सुनिश्चित करें और सभी धार्मिक, राजनैतिक, सामाजिक तथा पारिवारिक समारोह में इन्डोर 50 तथा आउटडोर में 2 सौ से अधिक लोगों की भीड़ एकत्र न होने दें। इसके साथ ही लोगों को मास्क लगाने, व्यक्तिगत दूरी बनाए रखने तथा कोरोना कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक सख्ती से लागू किया जाए। इसके लिए जिला स्तर पर भी निगरानी समितियों का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा, इसलिए मजदूर वर्ग पलायन न करे।

सभी मेडिकल कालेजों में कोरोना क्रिटिकल केयर सेंटर

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना के गंभीर मरीजों की देखभाल के लिए राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 'क्रिटिकल कोरोना केयर सैन्टर' बनाने के निर्देश दे दिए गए है। इसके साथ ही आयुष विभाग के चिकित्सकों का नियंत्रण संबंधित जिलों के सिविल सर्जन को दिया गया है ताकि कोरोना मरीजों की देखभाल और अच्छी प्रकार से की जा सके। विभाग द्वारा होम आइसोलेशन की किट तैयार करवाई जा रही है, जिसमें दवाइयां, प्लस ऑक्सिमीटर, कोरोना से बचाव संबंधी साहित्य और अन्य आवश्यक साम्रगी होगी। इन आयुष किटस की सहायता से चिकित्सक घर-घर जाकर कोरोना मरीजों की जांच एवं उपचार करेंगे।

प्रदेश में इस तरह उपलब्ध हैं बैड और वैंटिलेटर आदि

प्रदेश में 45086 क्वारंटाईन बैड, 11549 आइसोलेशन बैड में से करीब 89 प्रतिशत बैड खाली हैं, 2131 आईसीयू बैड में से 58 प्रतिशत खाली हैं, 1079 वेन्टीलेटर में से करीब 63 प्रतिशत खाली हैं। राज्य में इस समय करीब 42 हजार कोरोना संक्रमित मामले हैं, जिनमें से करीब 30 हजार होम आईसोलेशन में है।

दवा की कोई कमी नहीं, कालाबाजारी करने वाले जेल में जाने के लिए रहें तैयारी

हरियाणा के सेहत और गृह मंत्री अनिल विज ने पहली स्टेर मानीटरिंग कमेटी की बैठक लेने के बाद में मीडिया से बातचीत के दौरान साफ कर दिया है कि प्रदेश में दवा और इंतजाम की कोई कमी नहीं है। दवा ब्लैक करने वाले तीन गिरफ्तार हो चुके हैं। आने वाले समय में इस काम में कोई भी पकड़ा गया, तो जेल जाने के लिए तैयार रहे। इस महामारी के दौर में अगर लोग इस तरह का काम करेंगे, तो इन लोगों के साथ में किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं होगा। अनिल विज कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर की कोई कमी नही है तथा राज्य के सभी अस्पतालों में रेमडेसिविर की आपूर्ति पर्याप्त मात्र में की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में 270 एमटी ऑक्सीजन की मात्रा उपलब्ध है, जबकि राज्य में 60 एमटी की खपत हो रही है। इसके साथ ही प्रदेश में सभी ऑक्सीजन प्लांटों पर पुलिस और औषध नियंत्रक प्रशासन को निगरानी रखने के आदेश दिए ताकि किसी भी प्रकार की कालाबाजारी न हो सके।


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