जीटी रोड जाम करेंगे किसान : गुरनाम सिंह चढ़ूनी बोले- किसानों पर दर्ज केस वापस लेने पर गुमराह कर रहे हैं गृह मंत्री विज

अंबाला (नारायणगढ़)। भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी ग्रुप की एक बैठक गांव लालपुर में संपन्न हुई। इसकी अध्यक्षता यूनियन के राष्ट्रीप् अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह चढ़ूनी तथा गन्ना संघर्ष समिति के प्रधान विनोद राणा ने की। इस अवसर पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए भाकियू नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि भाकियू ने जो 24 नवंबर को रेलवे ट्रैक जाम करने की चेतावनी दी थी वो प्रोग्राम अब रद्द कर दिया गया है। उसकी जगह अब जीटी रोड को जाम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भाकियू द्वारा किए गए पिछले आंदोलन के दौरान प्रदेश सरकार ने किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने की मांग की थी परन्तु प्रदेश सरकार अभी तक अपने वायदे पर खरा नहीं उतरी है। किसान नेता ने कहा कि कई केस तो ऐसे हैं जिनको वापस लेने की प्रक्रिया अभी तक शुरू ही नहीं हुई। जैसे कि एफआईआर नंबर 206 व 77 , जबकि आंदोलन के समझौते के दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से ये केस वापिस लेने का वायदा किया था। 32 से अधिक मुकदमें आंदोलन से पहले के ऐसे हैं जो आंदोलन के समझौते के दौरान वायदा करने के बावजूद भी वापस नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जो केस वापस लेने की बात की थी वह वापस न लेकर केवल उनको अनट्रेस किया गया है। यह एक तरह से किसानों के साथ वश्विासघात है क्योंकि कानूनन अनट्रेस केस को कभी भी खोला जा सकता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से यह भी मांग की है कि वायदे के अनुसार सभी केसों को वापिस लेने की कारवाई करें। उन्होंने प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज द्वारा दिए गए बयान को गुमराह करने वाला बताया। कहा कि किसान आंदोलन के अभी तक कोई भी केस वापिस नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि आगामी 24 नवंबर को मोहड़ा अनाज मंडी में किसान मसीहा सर छोटू राम की जयंती मनाई जाएगी।
किसान नेता ने कहा कि यदि 24 तारीख तक प्रदेश सरकार किसानों से किए गए वायदे के अनुसार सभी केसों का निपटारा नहीं करती तो आगामी 24 नवंबर को मोहड़ा अनाज मंडी के सामने जीटीरोड को जाम कर दिया जाएगा। यदि प्रदेश सरकार उनकी मांग ली तो फिर जीटी रोड को जाम नहीं किया जाएगा। केवल जनसभा करने के उपरांत मौके पर आए उच्चाधिकारियों को ज्ञापन देकर ही कार्यक्रम समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो ज्ञापन दिया जाएगा उसमें केंद्र सरकार द्वारा आंदोलन को वापिस लेते समय किए गए वायदे अनुसार एमएसपी गारंटी का कानून बनाने , किसानों का पूरा कर्जा माफ करने, लखीमपुर केस में किसानों पर हुए मुकदमे वापस लेने, गेंहू और धान का भाव अगले वर्ष के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने, पूरे देश में गन्ने की पेमेंट का टाइम बाउंड करने व पिछली गन्ना पेमेंट ब्याज सहित करवाने आदि की मांग को रखा जाएगा। इसके साथ ही मुस्तरका मालिकान जमीनों को किसानों के नाम करवाने की मांग की जाएगी।
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