किसान आंदोलन : सात जनवरी को किसान निकालेंगे ट्रैक्टर यात्रा, आठ को सरकार के साथ फिर वार्ता

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत
तीन कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग को लेकर 41 दिनों से हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों ने सातवें दौर की वार्ता के विफल होने के बाद देशव्यापी आंदोलन का ऐलान कर दिया है। इसके लिए 20 जनवरी तक देशभर में किसानों की ओर से जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत किसानों ने आह्वान किया है कि भाजपा व सहयोगी दलों के नेताओं, सांसदों व मंत्री जहां भी जाएंगे का घेराव किया जाएगा और विरोध स्वरूप उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे। इस कड़ी में छह जनवरी को निकाली जाने वाली ट्रेक्टर यात्रा अब सात जनवरी को निकाली जाएगी। यह ट्रैक्टर यात्रा केएमपी व केजीपी पर चार अलग-अलग जगह से निकाली जाएगी। इन सबके बाद विशेष बात यह है कि आठ जनवरी को सरकार के साथ होने वाली आठवें दौर की वार्ता में किसान नेता हिस्सा लेंगे।
26 जनवरी के मार्च में हर घर से एक आदमी भेजने का आह्वान
किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन को मजबूती देने के लिए प्रदेश में नौ जरवरी को चौधरी छोटूराम की पुण्यतिथि मनाई जाएगी। इस दौरान दस दिन तक हरियाणा के संगठन एक-एक गांव में जाएंगे और 26 जनवरी के मार्च में शामिल होने के लिए हर घर से एक आदमी को भेजने का न्योता दिया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर लेकर परेड में शामिल होने के लिए पहुंचेंगे। इस ट्रैक्टर यात्रा की अगुवाई हरियाणा की महिलाएं करेंगी और पुरुष पीछे मोर्चा संभालेंगे। इसके अलावा भी किसानों ने अलग-अलग आंदोलन तय कर दिए हैं।
देशभर में चल रहे प्रदर्शनों को किया जाएगा बड़ा
मंगलवार को धरनास्थल पर हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता योंगेंद्र यादव, डा. दर्शनपाल, राजाराम, जोगेंद्र घासीराम नैन, तनवीर अहमद सहित अन्य किसान नेताओं ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि किसानों के समर्थन में देशभर में प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं। अब इन प्रदर्शनों को ओर बड़ा रूप दिया जाएगा। इसके साथ ही इन प्रदर्शनों से किसान आंदोलन को केवल हरियाणा-पंजाब का आंदोलन बताने वालों का भी पदार्फाश होगा। इससे देश की जनता को पता चलेगा कि कौन किसान के साथ खड़ा है और कौन नहीं। किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार काले कानूनों को निरस्त नहीं करती, आंदोलन बढ़ता जाएगा।
इन चार स्थानों से होगी ट्रैक्टर मार्च की शुरुआत
किसान नेताओं ने कहा है कि 6 जनवरी को निकाले जाने वाली ट्रैक्टर यात्रा अब सात जनवरी को निकाली जाएगी। ट्रैक्टर यात्रा सुबह 11 बजे एक साथ एक्सप्रेस-वे पर चार स्थानों से निकाली जाएगी। जिसमें कुंडली बॉर्डर से केएमपी तक, टिकरी बॉर्डर से केएमपी तक, गाजीपुर बॉर्डर से केजीपी तक और मेवात के रेवासन से पलवल की तरफ ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। यह मार्च 26 जनवरी की ऐतिहासिक ट्रैक्टर परेड का ट्रेलर होगा, जिसमें दिखाया जाएगा कि किसान किस तरह से मार्च निकालेंगे। इसके अलावा 18 जनवरी को महिला किसान दिवस मनाया जाएगा और 23 को आजाद हिंद किसान दिवस का आयोजन होगा। 25 जनवरी को बिहार में मानव श्रंखला बनाकर कानूनों का विरोध दर्ज कराया जाएगा।
देशभर में चलाया जाएगा हल्ला बोल अभियान
किसान नेताओं ने बताया कि आंदोलन को मजबूत करने के लिए देशभर में 6 से 20 जनवरी तक हल्ला बोल अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत भाजपा के नेताओं, सांसद, विधायक और मंत्रियों का घेराव करने के साथ ही काले झंडे दिखाए जाएंगे। साथ ही इन नेताओं के आवास के बाहर मोर्चे लगाए जाएंगे। ताकि ये तीनों कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएं। इस दौरान हरियाणा व पंजाब में पहले की भांति ही सभी टोल फ्री रहेंगे।
कानून रद्द करने से कम कुछ मंजूर नहीं
किसान नेताओं ने कहा कि इन कानूनों को लागू हुए सात महीने का समय हो चुका है। तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर सात दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन सरकार को सात शब्द समझ नहीं आ रहे हैं कि तीन कृषि कानूनों को रद किया जाए। अगर सरकार ये सात शब्द पहले ही समझ लेती तो यह बवाल नहीं होता। हालात यह है कि केंद्रीय कृषि मंत्री किसानों से बातचीत में पूछते हैं कि सचमुच में किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से कम कुछ भी मंजूर नहीं करेंगे। इससे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति क्या हो सकती है। किसानों ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि आंदोलन कितना भी लंबा क्यों ना चले, कानून निरस्त करने से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है।
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