दुष्कर्म के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी को 20 साल की सजा सुनाई

हरिभूमि न्यूज. रतिया (फतेहाबाद)
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश व फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज बलवंत सिंह की अदालत ने पोक्सो एक्ट मामले में सुनवाई करते हुए दोषी युवक को 20 साल की कैद व 5500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दोषी पीड़िता का रिश्ते में भाई लगता है।
मिली जानकारी के अनुसार महिला पुलिस फतेहाबाद ने क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां की शिकायत पर उनके घर के पास ही रहने वाले रिश्ते में उसके भतीजे के खिलाफ 11 जून 2020 को मामला दर्ज करवाया था। पुलिस को दी शिकायत में पीड़िता की मां ने बताया कि उसके घर के पास ही उसके रिश्ते का भतीजा रहता था। 5 जून 2020 की शाम को पड़ोस की महिला दूध लेने उसके घर आई और जाते समय उसकी 15 साल की नाबालिग बेटी को अपने साथ ले गई। आरोप था कि घर से करीब दो एकड़ दूर मकान के पीछे खेतों में बातें करने लग गई। वहां पर दोषी पहले से मौजूद था। दोषी उसकी बेटी से बातचीत करने लगा और उसकी बेटी से जबरन दुष्कर्म किया। उसने किसी को इस बारे बताने पर जान से मारने की धमकी दी।
इस मामले मेंं पुलिस ने महिला को भी आरोपी बनाया था लेकिन जांच के बाद उसे पुलिस ने बेकसूर माना। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी को पोक्सो एक्ट व आईपीसी की धारा 506 के तहत दोषी मानते हुए 20 साल की कैद व 5500 रुपये जर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर दोषी को 7 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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