रैली की तैयारियों में जुटे मंत्री, सरपंचों ने सीएम को काले झंडे दिखाने का किया ऐलान

हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद: ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में सरपंचों ने 23 जनवरी को सीएम के टोहाना में होने वाले कार्यक्रम में उन्हें काले झंडे दिखाकर विरोध करने की बात कही है। उधर, रैली के आयोजक पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली सीएम की रैली को सफल बनाने के लिए जी-जान से तैयारियों में जुटे हैं। इसको लेकर मंगलवार को पंचायत मंत्री ने डीसी और एसपी के साथ कार्यक्रम स्थल का दौरा किया और तैयारियों का जायजा लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। रैली को लेकर गांव बिढ़ाईखेड़ा में करीब 6 एकड़ जगह पर पंडाल लगाया जा रहा है। रैली के लिए मंचों को तैयार करने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। सीएम व डिप्टी सीएम के लिए पंचायत मंत्री के फार्म हाउस के पास हेलीपैड बनाया गया है।
आज रैली स्थल पर तैयारियों का जायजा लेते हुए पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली ने कहा कि इस रैली में अमर शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया जाएगा। यह कार्यक्रम देश पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। कैबिनेट मंत्री देवेन्द्र सिंह बबली ने उपायुक्त जगदीश शर्मा व एसपी आस्था मोदी के साथ सबसे पहले जनसभा स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने समारोह स्थल पर साफ-सफाई, पार्किंग, पेयजल व बिजली पानी की समुचित व्यवस्था की जानकारी ली।
नई व्यवस्था में संशोधन की जरूरत हुई तो जरूर करेंगे :
बबलीपंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली ने कहा कि प्रदेश में नई पंचायतों का गठन होने के बाद उन्होंने जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर प्रदेश हित में जन-प्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित किए थे। उन सुझावों पर सरकार ने गौर किया और उनको अमलीजामा पहनाया। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं। प्रदेश के हित में कोई भी पंचायत प्रतिनिधि अपने रचनात्मक सुझाव इस मिलन समारोह से पहले या मिलन समारोह में अथवा बाद में भी दे सकते हैं। यदि कोई ऐसा सुझाव जनहित या प्रदेश के विकास के लिए आता है तो उस पर जरूर अमल किया जाएगा और यदि नई व्यवस्था में किसी प्रकार के संशोधन की जरूरत हुई तो संशोधन किया जाएगा। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ वे स्वयं भी जनता के प्रतिनिधि है और एक तरह से जनता के हितों के पहरेदार हैं। उन्होंने कहा कि गांवों का समग्र विकास करवाना उनकी प्राथमिकता है। नई व्यवस्था से पंचायत प्रतिनिधि पहले की अपेक्षा कहीं अधिक सुरक्षित होंगे। गांवों के विकास कार्यों में तेजी आएगी और गुणवत्ता पूर्वक विकास कार्य होंगे।
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