Fatehabad : 10 महीने बाद हुई नगरपरिषद की बैठक, जमकर भिड़े प्रधान व उपप्रधान पक्ष

Fatehabad : 10 महीने बाद हुई नगरपरिषद की बैठक, जमकर भिड़े प्रधान व उपप्रधान पक्ष
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  • 40 मिनट में ही बहस के बाद बैठक को छोड़कर चले गए प्रधान, बोले : हाईजैक हो चुकी बैठक
  • बैठक की कार्यवाही न होने के कारण फिर अटक गए विकास कार्य

Fatehabad : नगरपरिषद की 10 महीने बाद मंगलवार को सदन की बैठक में प्रधान और उपप्रधान के बीच जमकर तू-तड़ाक हुई। बैठक में दोनों पक्षों में जूतम पैजार हुई, जिसके कारण प्रधान राजेन्द्र खिची बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए। प्रधान का आरोप है कि बैठक को विधायक दुड़ाराम के लोगों ने पूरी तरह हाइजैक कर लिया, जिस कारण उन्हें मजबूरन बैठक का बहिष्कार करना पड़ा। वह इस मामले को सीएम तक ले जाएंगे। इससे एक बार फिर शहर में विकास के काम अटक गए। बैठक के आरंभ होते ही मीडिया को सदन में नहीं घुसने दिया। बाहर पुलिस को भी तैनात किया गया। बैठक में पार्षद प्रतिनिधियों को भी नहीं जाने दिया गया।

जानकारी के अनुसार, 10 माह बाद मंगलवार को नगर परिषद कार्यालय में आयोजित हाऊस की बैठक में शहर में विकास के मुद्दों को लेकर पार्षदों द्वारा एजेंडे पेश करने थे। बैठक तीन बजे आरंभ हुई और बैठक के आरंभ होते ही विभिन्न मुद्दों को लेकर पार्षदों ने प्रधान राजेन्द्र खिची को घेरना आरंभ कर दिया। यहां तक कि प्रधान राजेंद्र खिची व उपप्रधान सविता टुटेजा के बीच भी तीखी बहस हुई। पार्षद राजू तूड़ेवाला ने तो यहां तक कह दिया कि प्रधान को हटा दिया जाएगा। इस बात को लेकर प्रधान इतना खफा हुए कि वह बैठक का बहिष्कार करके चले गए। बहिष्कार करने के बाद सदन से बाहर आए प्रधान राजेंद्र खिची ने कहा कि इस बैठक को पूरी तरह से हाइजैक कर लिया गया था और वह इस मामले में मुख्यमंत्री से मिलेंगे। सदन को चलाने में कुछ पार्षद अड़ंगा डाल रहे हैं। बैठक से बाहर निकली महिला पार्षदों ने भी नगरपरिषद उपप्रधान पर दादागिरी करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उपप्रधान द्वारा उन्हें बैठक में बोलने तक नहीं दिया जा रहा। प्रधान को शहर की जनता ने चुना है, न कि पार्षदों ने। कुछ पार्षद उन्हें हटाने की धमकी दे रहे हैं।

नगर परिषद की उपप्रधान सविता टुटेजा भी प्रधान के खिलाफ एग्रेसिव नजर आई। उनका आरोप था कि बीच सदन प्रधान ने उनसे अपशब्द कहे हैं। उन्होंने कहा कि 10 माह बाद बैठक बुलाना एक प्रधान की नाकामी दर्शाता है। वह शहर में विकास होने ही नहीं देना चाहते। जो एजेंडे पार्षद लेकर आते हैं, उन पर कलम नहीं चल रही और टेंडरों को रद्द करवाया जा रहा है। ऐसे में शहर का विकास कैसे होगा। अन्य पार्षदों ने भी प्रधान के रवैये को जनहित का रवैया नहीं माना।

उपप्रधान प्रतिनिधि ने लगाया सिलेंडर ब्लैक का आरोप

नगरपरिषद बैठक में हंगामे के बाद नगरपरिषद उपप्रधान सविता टुटेजा के पति बिन्टू टुटेजा ने चेयरमैन राजेन्द्र खिची को जमकर आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि प्रधान तक लाइटों, टायलेट सहित सभी कामों का कमीशन जाता है। बिना कमीशन प्रधान किसी फाइल पर साइन नहीं करते। उन्होंने प्रधान पर उपप्रधान को अपशब्द कहने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूरा शहर जानता है कि नगरपरिषद प्रधान ने सिलेंडरों की कितनी कालाबाजारी की है।

बैठक को कुछ लोगों ने किया हाइजैक, सीएम से करूंगा बात : खिची

हाऊस बैठक का बहिष्कार कर निकले प्रधान राजेन्द्र खिची काफी खफा नजर आए। उन्हा कहा कि उपप्रधान और उनके कुछ लोगों ने इस बैठक को पूरी तरह से हाइजैक कर लिया था। उन्हें हटाने की धमकी दी जा रही है। उन्हें जनता ने चुना है और वे जनता के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। वह इस मामले में मुख्यमंत्री से मिलेंगे। सदन को चलाने में कुछ पार्षद अड़ंगा डाल रहे हैं। प्रधान समर्थक पार्षद सुरेन्द्र डींगवाल ने आरोप लगाया कि उपप्रधान ने प्रधान नीच आदमी कहकर संबोधित किया। पार्षद सिवाच ने भी उपप्रधान पर प्रधान को नीचा दिखाने और बेइज्जत करने का आरोप लगाया।

प्रधान-उपप्रधान ने नगरपरिषद को बनाया इगो का सवाल

विकास कार्यों के टैडर, सफाई को लेकर प्रस्ताव पास होने की उम्मीद लगाए बैठे शहरवासी इस बैठक में हुए हंगामे के बाद हैरत में हैं। लोगों का कहना है कि प्रधान-उपप्रधान को अपनी कमाई की पड़ी है। इनको शहर के विकास कार्यों से कोई लेना-देना नहीं है। 14 दिसम्बर से सफाई कर्मचारी पैन डाऊन हड़ताल पर चले जाएंगे। ऐसे हालात में नगरपरिषद ने क्या वैकल्पिक व्यवस्था की है, इस पर बैठक में चर्चा भी नहीं हुई। लोगों का यह कहना है कि दोनों ने नगरपरिषद को अपनी ईगो का सवाल बना रखा है।

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