Fatehabad : 34 सालों से फतेहाबाद क्लॉथ व मोबाइल मार्केट के दुकानदारों को नहीं मिल रहा मालिकाना हक

Fatehabad : लगभग 34 वर्ष पहले नगर परिषद फतेहाबाद ने क्लॉथ व मोबाइल मार्केट की अधिकतर दुकानों को नीलाम करके बेचा था और कुछ दुकानों को किराए पर दिया था लेकिन आज तक इन दुकानदारों को उक्त दुकानों का मालिकाना हक नहीं मिला। इसको लेकर इन दुकानदारों में काफी रोष है। इस मामले में नगर पार्षद मोहन लाल नारंग ने नगरपरिषद व सम्बंधित अधिकारियों से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दुकानदारों के नाम संपति पंजीकृत करवाने की मांग की है।
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि हरियाणा सरकार की मुख्यमंत्री समृद्धि योजना के तहत दुकानों की रजिस्ट्री करवाने हेतु ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन नगर परिषद फतेहाबाद में उनका आवेदन यह कहकर अस्वीकार कर दिया कि उक्त जगह अभी तक नगर परिषद फतेहाबाद के नाम नहीं हुई, जबकि वह नियमानुसार मासिक किराया अदा कर रहे हैं तथा मुख्यमंत्री समृद्धि योजना की तमाम शर्तें पूरी करते हैं। इसी तरह जिन दुकानदारों ने 34 वर्ष पहले नगर परिषद से बोली पर दुकानें खरीदी थी, उनके नाम भी रजिस्ट्री नहीं करवाई जा रही। पार्षद मोहनलाल नारंग ने बताया कि दुकानदारों के अनुरोध पर नए हाउस के गठन पर जुलाई 2022 में पहली मीटिंग में उक्त मुद्दे को एजेंडा पर लिया था लेकिन फाइलों की सुस्त रफ्तार के चलते वांछित परिणाम अभी तक नहीं आए। मौजूदा क्लॉथ व मोबाइल मार्केट की जगह लगभग 40 वर्ष पहले सरकारी अस्पताल था। अस्पताल के स्थानांतरण के बाद नगर परिषद फतेहाबाद ने इस जगह पर क्लॉथ मार्केट बनाने की योजना बनाई तथा अधिकतर दुकानें काटकर बेच दी और कुछ दुकानें बनाकर किराए पर दे दी। खरीदारों ने नियमों अनुसार नगर परिषद में दुकानों की कीमत अदा कर दी।
उनके नाम प्रॉपर्टी आईडी भी बना दी गई लेकिन आज तक उनके नाम रजिस्ट्री नहीं हुई। नगर परिषद अधिकारियों का यह कहना कि उक्त जगह की मलकियत अभी परिषद के नाम नहीं हुई है, जब मलकियत परिषद के नाम होगी तब दुकानदारों के नाम मलकियत करवा दी जाएगी। पार्षद ने कहा कि बड़े ही ता'जुब की बात है कि पिछले 34 वर्षों से नगर परिषद उक्त जमीन को अपने नाम स्थानांतरण ही नहीं करवा पाई। जब नगर परिषद के नाम जमीन ही नहीं थी तो उसे वक्त कैसे नीलामी में बेच दी और खरीदारों से रकम कैसे जमा करवा ली। किसी प्राधिकरण/अथॉरिटी ने उक्त जगह पर मार्केट बनाने व दुकानें नीलाम करने को जरूर अधिकृत किया होगा। पार्षद मोहन लाल नारंग ने कहा कि 34 वर्षों में इंसान की दो या तीन पीढियां गुजर जाती हैं, अगर एक या दो पीढियां और गुजर गई तो उक्त संपत्ति का रिकॉर्ड मिलना मुश्किल हो जाएगा, इसलिए इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुएए नगर परिषद फतेहाबाद हाउस व संबंधित अधिकारियों से अनुरोध है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हितधारकों के नाम संपत्ति पंजीकृत करवाया जाए।
यह भी पढ़ें - Jind : इंस्टाग्राम पर असलहा के साथ फोटो डालना पड़ा महंगा
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS