फतेहाबाद जिला परिषद चुनाव: विधायक निवास से काफिले के साथ मीटिंग के लिए निकले थे 12 पार्षद, वोट मिले 10

सुरेन्द्र असीजा/फतेहाबाद: जिला परिषद चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के चुनाव को लेकर पिछले कई दिनों से चल रही उठापठक के बीच शनिवार को इनका चुनाव पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली वर्सेज भाजपा-जजपा नेताओं का बन गया। इससे पूर्व दोनों खेमों ने चेयरमैन कुर्सी पर अपने समर्थक को बिठाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ था। इस चुनाव को लेकर फतेहाबाद से भाजपा विधायक दुड़ाराम, रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा, भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के साथ जजपा के प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह, जजपा जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र लेगा जहां एक खेमे में थे जबकि दूसरी खेमे में जजपा नेता व पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली अकेले खड़े नजर आए। हालांकि जीत के बाद दोनों खेमों ने इसे गठबंधन की जीत बताया।
शनिवार को विधायक दुड़ाराम के निवास पर जिला परिषद के 18 में से 12 पार्षद एकत्रित हुए। यहां पर रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा, भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के साथ जजपा प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह व जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र लेगा भी मौजूद रहे। ये सभी नेता अपने 12 पार्षदों को साथ लेकर चुनावी बैठक में भाग लेने जिला परिषद कार्यालय पहुंचे। दूसरे खेमे में पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली के भाई मनोज बबली 6 पार्षदों के साथ बैठक में भाग लेने जिप कार्यालय पहुंचे। पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली स्वयं रेस्ट हाऊस में बैठकर चुनाव को लेकर पल-पल की अपडेट ले रहे थे। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला भी चुनावों में रूचि लेकर फतेहाबाद में ही डेरा डाले हुए थे।
दरअसल देवेन्द्र बबली को उम्मीद थी कि दूसरे खेमे के 12 में से 3 पार्षद क्रास वोटिंग कर उनका साथ देंगे। काफी हद तक देवेन्द्र बबली की रणनीति कामयाब होती नजर आई। जैसे ही चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हुई, उसमें विधायक दुड़ाराम खेमे की सुमन खिचड़ को 10 वोट मिले यानि कि दुड़ाराम के साथ बैठक में पहुंचे 12 में से 2 सदस्यों ने क्रॉस वोटिंग कर देवेन्द्र बबली के समर्थन में वोट डाला। इससे बबली समर्थक उम्मीदवार के वोट 6 से बढ़कर 8 हो गए। देवेन्द्र बबली की रणनीति के अनुसार यदि एक ओर सदस्य क्रास वोटिंग करता तो मैच टाई हो सकता था।
जैसे ही वोटिंग पूरी हुई और क्रास वोटिंग का पता चला तो पंचायत मंत्री भी रेस्ट हाऊस से निकलकर जिला परिषद कार्यालय जा पहुंचे लेकिन 3 की बजाय केवल 2 सदस्यों द्वारा क्रास वोटिंग करने से बबली समर्थक सीमा चुनाव हार गई। खास बात यह रही कि इस चुनाव में चाहे दुड़ाराम या अन्य सत्ताधारियों का समर्थक चुनाव जीता हो लेकिन दुड़ाराम के निवास से चले 12 में से 2 सदस्यों ने उनका साथ नहीं दिया। जीत के बाद विधायक दुड़ाराम खेमे में काफी खुशी देखी गई। जजपा नेता एवं पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली जब जिला परिषद कार्यालय से बाहर निकले तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने हूटिंग करते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी भी की। उधर, जैसे ही जीत की सूचना भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं बबली के धुरविरोधी माने जाने वाले सुभाष बराला भी दुड़ाराम के भाई द्वारका प्रसाद की गाड़ी में मीटिंग में पहुंच गए। विधायक दुड़ाराम और देवेन्द्र बबली दोनों ने इसे गठबंधन की जीत बताया और मिलकर विकास कार्य करने की बात कही।
अकेले आए और अकेले ही चले गए मंत्री जी
माना जा रहा है कि इस चुनाव में पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली का उनके शीर्ष नेतृत्व ने ही साथ नहीं दिया। यही वजह रही कि जजपा के प्रदेशाध्यक्ष, जिलाध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के खासमखास एक युवा नेता देवेन्द्र बबली के खिलाफ और दुड़ाराम के साथ खड़े नजर आए। देवेन्द्र बबली चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद अकेले आए और चुनाव सम्पन्न होने के बाद सबसे पहले अकेले ही वहां से निकल लिए जबकि मंत्री विरोधी खेमे के भाजपा व जजपा नेता एकसाथ नजर आए। सभी नेता जीत की खुशी से बाग-बाग नजर आए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS