ऑनर किलिंग में मां-बाप और भाई को उम्रकैद की सजा, 2018 में की थी बेटी की हत्या, जानें पूरा मामला

हरिभूमि न्यूज : रोहतक
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. गगनगीत कौर की कोर्ट ने बेटी की हत्या करने के मामले में लड़की के मां बाप समेत भाई को उम्र कैद की सजा सुनाई है। तीनों पर 20-20 हजार का जुर्माना लगाया गया है जिसकी अदायगी न किए जाने पर एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। धारा 201 में तीनों को सात साल की सजा काटनी होगी। पांच-पांच हजार जुर्माना न देने पर तीनों को छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। धारा 203 में तीनों को दो साल की सजा काटनी होगी। दो हजार रुपये जुर्माना न देने पर एक माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। इसके अलावा धारा 120बी,34 में तीनों को उम्र कैद काटनी होगी। तीनों को 20-20 हजार रुपये जुर्माना नहीं भरने पर एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
मामले के अनुसार, 16 सितम्बर 2018 को महम पुलिस को सूचना मिली कि निकटवर्ती गांव में एक लड़की की मौत होने पर उसके परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया है। इसके बाद पुलिस गांव में पहुंची और खूफिया छानबीन की। इस दौरान पता चला कि लड़की गांव के ही निजी स्कूल में 11वीं पढ़ती थी। उसके स्कूल से आते ही एक दिन पहले गली में उसके पिता ने मारपीट की थी। रात को पिता, उसकी मां व परिवार वालों ने आपस में योजना बनाकर लड़की को मार दिया। इसके बाद उन्होंने आसपास के लोगों को लड़की की मौत का कारण उल्टी आना और छाती में दर्द होना बताया। सुबह ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। महम थाना प्रभारी की टीम गांव के शमशान घाट में पहुंची और चिता जलती हुई पाई गई। इस दौरान फायर ब्रिगेड मंगवाकर चिता को जलने से रोका गया। एफएसएल टीम ने मौके पर आकर छानबीन की। शव को जांच के लिए पीजीआई भेजा गया। पुलिस ने लड़की के माता पिता समेत नाबालिग भाई पर हत्या समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।
बेटी ने दूध में पिलाई थी नींद की गोली
पुलिस ने 18 सितम्बर को लड़की के पिता को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसकी बेटी ने 14 सितम्बर को उसके दूध में कोई पदार्थ मिला दिया था। दूध मैंने और मेरे बेटे ने पिया था। दूध पीते ही दोनों को चक्कर आने लगे। इसके अगले दिन बेटे ने बहन से पूछा कि दूध में क्या मिलाया था तो उसने बताया कि दूध में नींद की गोलियां मिलाई थी। यह बात उनके बेटे ने उसे आकर बताई। इस बात पर लड़की ने अपने भाई पर चाकू से हमला कर दिया। उसने चाकू छीन कर फेंक दिया। इसके बाद लड़की ने दरांती से भाई को चोटें मारी और वह भाग गई।
यूं दिया वारदात को अंजाम
आरोपित ने रिमांड के दौरान बताया कि वह और उसका बेटा लड़की को पकड़ कर घर ले आए और उसकी पिटाई की। इस दौरान लड़की ने कुछ खा लिया। मैंने अपनी पत्नी को बुला लिया। इससे पहले मेरेेे बेटे ने लड़की के हाथ पैर दबा लिए। उसने उसके गले मेें परना बांध कर उसे मार दिया। उसकी पत्नी ने आकर कहा कि ठीक किया नहीं तो यह कुछ खिला कर उन्हें ही मार देती। 19 सितम्बर को लड़की की मां को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा लड़की के भाई को बाल किशोर को न्यायालय में पेश किया गया। इस मामले में एफएसएल इंचार्ज, एफएसएल डायरेक्टर, महम एसएचओ, जांच अधिकारी, मौके पर गई पुलिस टीम, पीजीआई के डॉक्टर, महम के डॉक्टर सहित दो दर्जन से अधिक गवाहों को कोर्ट में बुलाया गया था। पुलिस ने केस की जांच के दौरान 11 नवम्बर को केस में धारा 202 दर्ज की। 19 नवम्बर 2018 को चालान कोर्ट में दिया गया। इसके अलावा ब्लड सैंपल रिपोर्ट, डीएनए रिपोर्ट भी कोर्ट में जमा करवाई गई थी। तभी से मामला कोर्ट में विचाराधीन था। दोनों पक्षों के गवाहों, सबूतों को देखते हुए कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है।
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