भगोड़ा घोषित होने के डर से, आटो चालक ने फांसी लगाकर दी जान, सुसाइड नोट में लगाया ये आरोप

भगोड़ा घोषित होने के डर से, आटो चालक ने फांसी लगाकर दी जान, सुसाइड नोट में लगाया ये आरोप
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सुसाइड नोट में उसने दो लोगों को क्लेम केस में झूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने दोनों आरोपिति के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है।

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी

जोनावास में एक ऑटो चालक ने क्लेम केस के मामले में भगोड़ा घोषित होने के डर से फांसी लगाकार आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में उसने दो लोगों को क्लेम केस में झूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने दोनों आरोपिति के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है।

करीब 32 वर्षीय हरिओम अपने प्लॉट में पशुओं की रखवाली के लिए सोता था। शाम को वह सोने के लिए प्लॉट में चला गया था। जब उसका चाचा प्लॉट पर गया था, तो अंदर से दरवाजा बंद था। काफी आवाज लगाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खोला, तो उसके चाचा को अनिष्ट की आशंका हो गई। दरवाजा तोड़कर अंदर जाकर देखा तो हरिओम का शव फंदे पर लटका हुआ था। सूचना मिलने के मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। शव के पास एक सुसाइड मिला है, जिसमें हरिओम ने संजय और सतबीर को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया। दोनों आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी।

परिवार के सामने बड़ा संकट

हरिओम के परिवार में उसकी पत्नी और तीन बच्चे हैं। वह उनका पेट पालने के लिए ऑटो चलाता था। उसकी मौत के साथ ही बीवी-बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। परिवार चलाने के लिए हरिओम ही अकेला सहारा था।

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