Urea Crisis : कड़कती ठंड के बीच घंटों लाइन में लगने के बाद किसानों को मिल रहा यूरिया

Urea Crisis : कड़कती ठंड के बीच घंटों लाइन में लगने के बाद किसानों को मिल रहा यूरिया
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किसानों का कहना है कि अभी कोहरा पड़ना शुरू हुआ है। इसलिए फसल को खाद की सबसे अधिक आवश्यकता है। लेकिन किसानों को खाद के लिए अनेक परेशानी उठानी पड़ रही है।

महेंद्रगढ़। स्थानीय अनाज मंडी स्थित खाद केंद्र पर यूरिया खाद के पहुंचते हीं किसानों की लंबी लाइन लगनी शुरू हो जाती है। किसान कड़कती ठंड के बीच घंटों लाइन में लगकर खाद लेने को मजबूर है। किसानों का कहना है कि अभी कोहरा पड़ना शुरू हुआ है। इसलिए फसल को खाद की सबसे अधिक आवश्यकता है। लेकिन किसानों को खाद के लिए अनेक परेशानी उठानी पड़ रही है।

अनाज मंडी स्थित हैफेड के गोदाम में पिछले कई दिनों से किसान खाद लेने के लिए पहुंच रहे है। किसानों को घंटों लाइन में लगने के बाद यूरिया खाद मिल रहा है। किसानों के साथ खाद के लिए वृद्ध महिला व अपाहिज व्यक्ति भी लाइन में लगे नजर आए। इस दौरान किसानों ने कहा कि वह इस कड़ाके की ठंड में अपना सभी कामकाज छोड़कर खाद के लिए लाइन में लग रहें है। घंटों तक लाइन में लगने के बाद हीं यूरिया खाद उपलब्ध हो पा रहा है। सर्दी के मौसम में किसान इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। अगर समय पर खाद नहीं मिला तो फसलों का उत्पादन प्रभावित होगा। पिछले साल भी किसानों को खाद के लिए इसी प्रकार परेशानी उठानी पड़ी थी।

सरकार को पहले करना चाहिए था प्रबंध

किसान रमेश, सूबसिंह, कृष्ण, रविंद्र, महावीर, मुकेश, मोहन आदि का कहना है कि सरकार की करनी और कथनी में फर्क है। एक तरफ को सरकार किसानों की आय दोगुनी करनी बात करती है। दूसरी तरफ किसानों को समय पर बीज-खाद नहीं मिल रहा है। बिना बीज-खाद के किसान की आय कैसे दोगुनी होगी। अगर समय पर खाद नहीं मिला तो सरसों तथा गेंहू उत्पादन कम होगा। पिछली बार भी किसानों को खाद के लिए परेशानी उठानी थी। किसानों की परेशानी से सरकार को कोई लेना देना नहीं है। सरकार को पिछले वर्ष हुई किसानों की परेशानी को देखते हुए इस बार सरकार से खाद का प्रबंध करना चाहिए था। लेकिन सरकार पिछले साल किसानों को हुई परेशानी से कोई सबक नहीं लिया।

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