Festival Season : एक माह से तैयार हो रही मिठाई, एक्सपायरी डेट भी नहीं लिख रहे दुकानदार, चल रही छापेमारी

Festival Season : एक माह से तैयार हो रही मिठाई, एक्सपायरी डेट भी नहीं लिख रहे दुकानदार, चल रही छापेमारी
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  • फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की नई गाइडलाइन के अनुसार दुकानों पर मिठाइयों के साथ एक्सपायरी डेट लिखना जरूरी
  • कलाकंद रोज फ्रेश बनाना पड़ेगा, चार दिन पुरानी मिल्क बरफी भी नहीं चलेगी, फिर भी मिष्ठान भंडार संचालक मानने को तैयार नहीं नियम

Mahendragarh-Narnaul News : फेस्टिवल सीजन आरंभ हो गया है। साल के सबसे बड़े त्योहार में से एक दीपावली पर्व को महज 10 दिन शेष है। बाजारों में भी ग्राहकों की रौनक होने लगी है। इसी त्योहार की तैयारियों में मिठाई बनाने के लिए हलवाई दिन-रात एक माह पहले से जुड़े हुए है। शहर में ऐसी अनेक बाजारों में दुकान है, जिनके गोदाम अलग-अलग बाहरी क्षेत्र में चल रहे है। यहां मिठाइयों का स्टॉक रखा जा रहा है।

वैसे फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन अनुसार हर मिठाई विक्रेता को दुकान के अंदर रखी सभी मिठाइयों के साथ एक्सपायरी रेट लिखनी जरूरी है। बासी मिठाइयां बेचने वालों पर करीब दो लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इस नियम के पीछे तर्क है कि लोगों तक बासी मिठाई नहीं पहुंचेगी। इसके बावजूद जिला में अधिकांश दुकानों पर मिठाइयों के बनने की डेट और एक्सपायरी डेट नहीं लिखी गई है। जिले में छोटी बड़ी करीब 150 हलवाइयों की दुकानें चल रही है। जो नियमों के विरूद्ध बासी मिठाइयां बेच रहे हैं। ऐसे में फेस्टीवल सीजन पर मिठाइयां खरीदने वालों को सरकार व प्रशासन की सतर्कता की बजाय खुद ही सतर्क होने पड़ेगा।

जानकारी के मुताबिक, खाद सुरक्षा विभाग ने एक अक्टूबर 2020 को यह नियम लागू हुआ था। ऐसे में यह नियम हर छोटे बड़े हलवाइयों व मिठाइयों के विक्रेता पर लागू है। यह नियम भी विभाग ने केवल मिठाइयों के लिए ही बनाया है। हलवाइयों को अपनी दुकान पर रखी मिठाइयों की ट्रे पर लेवल लगाना होता है। इस पर यह लिखना अनिवार्य होता है कि इस उत्पाद को कब तक उपयोग में लाया जा सकता है। पहले दुकानों पर रखी मिठाइयों की ट्रे, परात, डिब्बों पर एक्सपायरी डेट नहीं लिखी जाती थी।

कौन सी मिठाई की कितने दिन की एक्सपायरी डेट

  • एक दिन चलने वाली मिठाई : कलाकंद, चॉकलेट कलाकंद व बटर स्कॉच कलाकंद
  • दो दिन चलने वाली मिठाई : दूध से बने आईटम रसगुल्ला, रबड़ी रसमलाई, मिल्क बादाम, शाही टोस्ट, मलाई रोल, बंगाली रबड़ी, खीर मोहन आदि
  • चार दिन चलने वाली मिठाई : मलाई घेवर, मोतीचूर मोदक, पेड़ा, प्लेन बर्फी, मिल्क बर्फी, केसर कोकोनेट लड्डू, खोया बादाम, तिल बुग्गा, फ्रूट केक, सफेद पेड़ा, बूंदी लड्डू, लाल लड्डू व कोकोनेट बर्फी आदि
  • सात दिन चलने वाली मिठाई : काजू कतली, काजू केसर बर्फी, काजू रोल, घेवर, बालूशाही, आटा लड्डू, ड्राई फ्रूट गुजिया, मूंग बर्फी, काजू लड्डू, बेसन बर्फी व आदि
  • 30 दिन चलने वाली मिठाई : आटा लड्डू, चना लड्डू, चना बर्फी, बेसन लड्डू आदि

रोजाना सैंपल भरेगी टीम

एफएसएसआई डा. दीपक चौधरी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर में दुलोठ में एक दुकान पर 700 किलोग्राम खावा का स्टॉक मिला। उसका सैंपल लिया गया। फिर अगले दिन 31 अक्टूबर को कनीना में एक परचून की दुकान व एक मिठाई की दुकान पर छापेमारी की। यहां से तेल व मसाला और रसगुल्ले का सैंपल लिया गया है। उन्होंने बताया कि रोजाना जिला के किसी ना किसी एरिया में जाकर उनकी टीम सैंपल ले रही है।

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